पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फरीदकोट, पंजाब में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार करने के बाद पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा बीएसएफ जवान पी.के. साहू को हिरासत में लिए जाने पर गहरी चिंता जताई है। यह घटना 23 अप्रैल को हुई थी। साहू पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के निवासी हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेता कल्याण बनर्जी जवान के परिवार के संपर्क में हैं और उन्होंने मांग की है कि साहू को जल्द से जल्द रिहा किया जाए।
केन्द्र सरकार का समर्थन किया ममता बनर्जी ने
ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के मुद्दों पर केंद्र सरकार के साथ खड़ी है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वे इस मुद्दे पर किसी तरह की ‘बांटो और राज करो’ की राजनीति नहीं कर रही हैं।
इस घटना के बाद बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) ने अपने जवानों को सतर्क और चौकस रहने की सख्त सलाह जारी की है। अधिकारियों ने बताया कि सीमा पर गश्त करते समय अक्सर इस तरह की अनजाने में सीमा पार करने की घटनाएं होती हैं, खासकर पंजाब बॉर्डर पर, जिन्हें आमतौर पर फ्लैग मीटिंग के जरिए सुलझा लिया जाता है। लेकिन इस बार पाकिस्तान की ओर से फ्लैग मीटिंग के लिए कोई जवाब नहीं मिला है, शायद हालिया पहलगाम हमले के कारण तनाव बढ़ा है।
बीएसएफ जवान को वापस लाने का हर संभव प्रयास
बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान रेंजर्स के साथ विरोध दर्ज कराया गया है और जवान को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। घटना की जांच चल रही है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि साहू किस परिस्थिति में सीमा पार कर गए।
भारत-पाकिस्तान सीमा, जो जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात से होकर गुजरती है, लगभग 3,323 किलोमीटर लंबी है और देश की सबसे संवेदनशील और तनावपूर्ण सीमाओं में से एक मानी जाती है।