बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार साव पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा लगभग 22 दिनों तक हिरासत में रखे जाने के बाद भारत लौट आए हैं। उन्हें 14 मई 2025 को अटारी-वाघा बॉर्डर पर भारतीय अधिकारियों को सौंपा गया, जो उनके परिवार और देश के लिए राहत की बड़ी घड़ी रही।
यह घटना 23 अप्रैल को शुरू हुई थी, जब साव सीमा के पास किसानों को एस्कॉर्ट कर रहे थे। इस दौरान थकान के कारण वे एक पेड़ के नीचे आराम करने लगे। अनजाने में वह पाकिस्तानी क्षेत्र में प्रवेश कर गए, जिसके बाद पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
क्या कहा रजनी साव ने
श्चिम बंगाल के रिशरा निवासी उनके परिवार ने उनकी सुरक्षित वापसी पर गहरा आभार व्यक्त किया। उनकी पत्नी रजनी साव ने भावुक होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उनके पति की रिहाई के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “मोदी जी मेरे सुहाग को वापस लाए।”
यह आदान-प्रदान भारत और पाकिस्तान के बीच एक आपसी सहमति का हिस्सा था, जिसके तहत भारत ने भी एक पाकिस्तानी रेंजर को रिहा किया जो लगभग दो सप्ताह से भारतीय हिरासत में था। यह परस्पर कदम दोनों देशों के बीच तनाव कम करने और कूटनीतिक बातचीत को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
शॉ की सुरक्षित वापसी इस बात को रेखांकित करती है कि सीमा पार की घटनाओं को सुलझाने में कूटनीतिक चैनलों और सहयोग का कितना महत्व है। उनके परिवार के साथ हुआ भावनात्मक पुनर्मिलन उन बलिदानों की याद दिलाता है जो सीमा पर तैनात सैनिक करते हैं, और उनके सुरक्षित लौटने से उनके प्रियजनों को कितनी राहत मिलती है।