बालटाल : वार्षिक अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जारी है। यात्रा को शुरू हुए 6 दिन हो गए हैं। आप को बता दें कि इन 6 दिनों में 1.11 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री पवित्र गुफा मंदिर के दर्शन कर चुके हैं, जबकि अब तक चार लाख से ज्यादा लोगों ने पंजीकरण कराया है। दक्षिण कश्मीर हिमालय में भगवान शिव के 3,880 मीटर ऊँचे गुफा मंदिर की तीर्थयात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई और 9 अगस्त को समाप्त होगी।
पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों से यात्रा सुचारू रूप से चल रही है
अधिकारियों ने बताया कि कड़ी सुरक्षा और अनुकूल मौसम के बीच पहलगाम (Pahalgam) बालटाल दोनों मार्गों से यात्रा सुचारू रूप से चल रही है। उन्होंने बताया कि 6743 तीर्थयात्रियों का 8वां जत्था कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 309 वाहनों में जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से कश्मीर के दोनों आधार शिविरों के लिए रवाना हुआ। एक अधिकारी ने बताया, “अब तक कुल 4,05,817 तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है। अब तक 4 लोगों की मौत हुई है, जो मुख्य रूप से हृदय गति रुकने जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण हुई है, जो अक्सर ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी के कारण होती है।”
6 दिनों में ही 1 लाख तीर्थयात्रियों का आंकड़ा पार कर लिया है
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि वार्षिक तीर्थयात्रा के पहले 6 दिनों में 1 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर के दर्शन कर चुके हैं। सिन्हा ने X पर एक पोस्ट में कहा, “आस्था की यात्रा, पवित्र श्री अमरनाथ जी यात्रा ने तीर्थयात्रा के पहले 6 दिनों में ही 1 लाख तीर्थयात्रियों का आंकड़ा पार कर लिया है।”
उन्होंने कहा कि पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों पर यात्रा सुचारू रूप से जारी है और आने वाले दिनों में और अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नलिन प्रभात ने बालटाल क्षेत्र में व्यापक सुरक्षा समीक्षा की।

डीजीपी ने में तैनात बलों की तैनाती और परिचालन तैयारियों का आकलन किया
डीजीपी (DGP) ने यात्रा मार्ग की सुरक्षा में तैनात बलों की तैनाती और परिचालन तैयारियों का आकलन किया। कश्मीर जोन पुलिस चौकी पर डीजीपी जम्मू-कश्मीर श्री नलिन प्रभात ने आज आईजीपी कश्मीर, डीआईजी मध्य कश्मीर रेंज और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बालटाल मार्ग पर चल रही यात्रा की सुरक्षा समीक्षा की। बाद में अधिकारियों ने शादीपोरा, मणिगाम और बालटाल यात्रा शिविरों में सुरक्षा और तीर्थयात्री सुविधाओं की समीक्षा की।
अमरनाथ यात्रा क्यों प्रसिद्ध है?
अमरनाथ को तीर्थों का तीर्थ कहा जाता है क्यों कि यहीं पर भगवान शिव ने माँ पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था। यहाँ की प्रमुख विशेषता पवित्र गुफा में बर्फ से प्राकृतिक शिवलिंग का निर्मित होना है। प्राकृतिक हिम से निर्मित होने के कारण इसे स्वयंभू हिमानी शिवलिंग भी कहते हैं।
अमरनाथ यात्रा के क्या नियम हैं?
यह यात्रा ऊंचाई और ठंडे इलाकों से होकर गुजरती है. इसलिए शरीर से पूरी तरह फिट होना जरूरी है. डॉक्टर से हेल्थ चेकअप कराकर सर्टिफिकेट बनवाना अनिवार्य है. यह सर्टिफिकेट भी यात्रा के समय साथ रखना होगा.
अमरनाथ यात्रा का शुरुआती स्थान कहाँ है?
अमरनाथ यात्रा के लिए दो शुरुआती स्थान हैं: पहलगाम और बालटाल. पहलगाम पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा मार्ग है, और बालटाल 14 किलोमीटर लंबा छोटा मार्ग है.
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