Weather : हिमाचल में बारिश और फ्लैश फ्लड से 10 की मौत, कई लापता

By Anuj Kumar | Updated: July 2, 2025 • 1:23 PM

मंडी। हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश और फ्लैश फ्लड (Flash Flood) से 10 लोगों की मौत हो गई है वहीं मंडी जिले के 34 लोग लापता बताए जा रहे हैं। आपदा प्रबंधन ने बुधवार सुबह नुकसान की रिपोर्ट (Report) जारी की है। जानकारी के मुताबिक चंबा, मंडी और हमीरपुर से कुल 333 लोगों का रेस्क्यू किया गया। कुल 24 घर, 12 गोशालाएं और 30 पशुओं की जान चली गई।

मौसम विभाग ने भारी से भारी बारिश होने की चेतावनी दी है

प्रदेश में एक बार फिर से मौसम विभाग ने भारी से भारी बारिश (Heavy Rain) होने की चेतावनी दी है। पांच जिला में अत्यधिक बारिश होने की सूचना दी गई है. जिसमें लोगों को सचेत रहने को कहा गया है। इन जिलों के कुछ इलाकों में फ्लैश फ्लड आने की संभावना है। मंडी के गोहर के स्यांज में 2 मौतें, बड़ा गोहर में 2, करसोग पुराना बाजार में 1 मौत, थुनाग में 1, धार जरोल 1, गोहर के तलवाड़ा में 1 और जोगिंदनगर में 1 मौत होने की रिपोर्ट है। बुधवार को हल्की धूप निकली और प्रशासन बगस्याड से आगे रोड खोलने में जुटा है। उधर मंडी के सराज में भारी तबाही हुई है, लेकिन यहां पर कोई संपर्क नहीं हो पाया है। बिजली, पानी, मोबाइल नेटवर्क और रोड बंद हैं।

धर्मपुर में कई स्थानों पर बादल फट गए

जानकारी के मुताबिक मंडी जिले के तीन उपमंडलों गोहर, करसोग और धर्मपुर में कई स्थानों पर बादल फट गए। सदर मंडी में जलभराव व भारी बारिश, बालीचौकी और थुनाग क्षेत्र में बाढ़ की घटनाएं हुई हैं। मंडी जिले में जगह-जगह फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों और राहत शिविरों में पहुंचाया गया। मंडी शहर में जलभराव के कारण फंसे लोगों को विपाशा सदन और गुरुद्वारा में स्थापित राहत शिविरों में लाया गया। मंडी-मनाली नेशनल हाईवे के बीच सुरंग संख्या 11 व 13 के समीप भूस्खलन के कारण फंसे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया। लोगों को ब्रेड, बिस्किट व पानी इत्यादि उपलब्ध कराया जा रहा है। मंगलवार शाम पांच बजे तक प्राप्त सूचना के मुताबिक जिला में अभी तक पांच लोगों की मृत्यु की पुष्टि हुई है।

आपदा में लापता 15 अन्य लोगों की तलाश के लिए बचाव कार्य जारी है

आपदा में लापता 15 अन्य लोगों की तलाश के लिए बचाव कार्य जारी है। बादल फटने की घटना के बाद गोहर उपमंडल के स्यांज में एनडीआरएफ की मदद राहत और बचाव कार्यों में जुट गई है साथ ही एसडीआरएफ की टीम भी तैनात की गई है। थुनाग क्षेत्र में एसडीआरएफ की टीम भेजी गई है जबकि करसोग क्षेत्र में एनडीआरएफ की टीम ने राहत एवं बचाव कार्यों में मदद किया।

प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है

धर्मपुर के लौंगणी में प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इसके अतिरिक्त अन्य उपमंडलों में भी स्थानीय प्रशासन ने भारी बारिश और भूस्खलन इत्यादि से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य चलाए। गोहर के संयाज में दो परिवारों के कुल 9 लोग लापता हैं, जिसमें के दो शव बरामद हुए हैं। इसमें महिला की लाश मंडी के धर्मपुर के कांढापतन में मिली है।

इन परिवारों की पहचान पदम सिंह (75), देवकू देवी (70), झाबे राम (50), पार्वती देवी (47), सुरमि देवी (70 ), इंद्र देव (29) उमावती (27) कनिका (9), गौतम (7) के रूप में हुई है। हिमाचल प्रदेश राजस्व विभाग के विशेष सचिव दुनी चंद राणा ने बताया कि सबसे ज्यादा असर मंडी जिले में देखने को मिला है। मंडी में बादल फटने, फ्लैश फ्लड और भूस्खलन की कई घटनाएं हुईं, जिनमें अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 16 लोग लापता हैं। लापता लोगों की तलाश जारी है।

पिछले 15 घंटों में आपदा प्रबंधन टीमों ने 287 लोगों का रेस्क्यू किया है। इस दौरान 10 रिहायशी मकान और 12 पशु शालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने आपातकालीन स्थिति में तुरंत संपर्क के लिए 1070 और 1077 नंबरों पर कॉल करने की अपील की है। वहीं हमीरपुर, ऊना, चंबा और मंडी से करी ब 287 लोगों का रेस्क्यू किया गया है। हिमाचल में बारिश का दौर जारी, आज भी कई जिलों में बारिश का अलर्ट, आपदा प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य जारी हैं।

सोमवार रात मूसलाधार बारिश ने भीषण तबाही मचाई

बीते 24 घंटों में मंडी जिला में हुआ है सबसे ज्यादा नुकसान, प्रदेश में बीते 11 दिनों में 51 लोगों की मौत, 6 अभी भी लापता, 9 पक्के और 4 कच्चे घर ढहे, 35 कच्चे मकान क्षतिग्रस्त, 9 दुकानें और 41 पशुशालाएं भी जमींदोज, भारी बारिश से प्रदेश में छोटी-बड़ी 400 से ज्यादा सड़कें बंद हैं, विद्युत आपूर्ति के 1500 से ज्यादा ट्रांसफार्मर ठप हैं और जलापूर्ति की 171 परियोजनाएं प्रभावित हैं, कई इलाकों में सड़क के साथ बिजली-पानी का संकट है।

12 कर्मचारियों ने भाग कर बचाई जान

वहीं सिराज क्षेत्र में सोमवार रात मूसलाधार बारिश ने भीषण तबाही मचाई. तेज बारिश के बाद आई बाढ़ ने 16 मेगावाट क्षमता वाले पटिकरी पावर प्रोजेक्ट को पूरी तरह तबाह कर दिया। पावर प्रोजेक्ट के एजीएम और परियोजना प्रभारी ने बताया कि रातभर हुई बारिश के कारण पानी सीधे पावर हाउस में घुस गया। पावर प्रोजेक्ट के 12 कर्मचारियों को भागकर अपनी जान बचाई। सुबह जब स्थल का मुआयना किया गया, तो पाया गया कि डेम और पावर हाउस दोनों पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं। संपर्क मार्ग भी ध्वस्त हो चुके हैं, जिससे घटनास्थल तक पहुंचना बेहद मुश्किल हो गया है।

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