लोन और गिफ्ट कार्ड वाउचर दिलाने का झांसा देकर अमेरिकी (American) नागरिकों के साथ ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का नोएडा (Noida) कमिश्नरेट पुलिस ने खुलासा किया है। कोतवाली एक्सप्रेसवे पुलिस ने सरगना समेत 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो महिलाएं शामिल हैं। पुलिस गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।
नोएडा Noida जोन के डीसीपी यमुना प्रसाद का कहना है कि कोतवाली एक्सप्रेसवे पुलिस की टीम ने सोमवार रात जेपी कॉसमॉस बिल्डिंग की 17वीं मंजिल पर दबिश देकर फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया। कॉल सेंटर का संचालक गूगल एप से अमेरिकी नागरिकों का डेटा खरीदता था।
इस डेटा के आधार पर अमेरिकी नागरिकों को बल्क में फिशिंग मेल भेजी जाती थी। मेल में विदेशी नागरिकों को गिफ्ट वाउचर जीतने का लालच दिया जाता था।
वहीं किसी तरह का लोन लेने की बात कही जाती थी। जब कोई अमेरिकी नागरिक लोन या गिफ्ट वाउचर के लिए रिवर्ट करता था, तब जालसाज उनसे संपर्क करते थे। इसके बाद आरोपी प्रोसेसिंग फीस के नाम पर लोन कराने के लिए 300 डॉलर तक लेते थे।
रकम एप्पल ई-बाई, वालमार्ट और गिफ्ट कार्ड के जरिये ली जाती थी। जब तक ठगी की रकम भारतीय मुद्रा में नहीं बदल जाती थी, तब तक आरोपी अमेरिकी नागरिकों के संपर्क में रहते थे। इसके बाद संपर्क तोड़ देते थे। अगर किसी अमेरिकी नागरिक के खाते में पैसे नहीं होते थे, तब गिफ्ट कार्ड व अन्य माध्यम से भी रकम लेते थे। पूछताछ में पता चला कि आरोपी 150 से अधिक लोगों से ठगी कर चुके हैं। पुलिस आरोपियों के खातों की जांच कर रही है।
ये आरोपी किए गए गिरफ्तार
गिरोह का सरगना मुंबई निवासी मुस्तफा शेख है। पुलिस ने मुस्तफा के साथ-साथ चिनेवे, दिनेश पाण्डेय, सोहिल अजमिल, उमर सम्सी, कल्पेस शर्मा, आफताब कुरैशी, विडोव, राम सेवक, सत्यनारायण मण्डल, थिजनो लुटो, निबूले अकामी को गिरफ्तार किया है। इसमें से अधिकतर लोग उत्तर पूर्व राज्य के रहने वाले हैं। ये लोग अमेरिकन इंग्लिश में बात करते थे। इनके पास से 10 लैपटॉप, 16 एंड्रॉइड फोन, 9 लैपटॉप चार्जर, 9 हेडफोन, एक इंटरनेट राउटर, एक आईफोन चार्जर बरामद किया गया है।
स्काइप एप व टेलीग्राम के जरिये करते थे बातचीत
पुलिस पूछताछ में पता चला कि ई-मेल भेजने के बाद जो भी विदेशी नागरिक इनके झांसे में आते थे, उनसे ये लोग टेलीग्राम या स्काइप एप के जरिये ही बातचीत करते थे, ताकि आसानी से पुलिस पकड़ न पाए। इसके लिए कॉल सेंटर में काम करने वाले लोगों को ट्रेनिंग दी जाती थी। अंग्रेजी पर पकड़ रखने व अमेरिकन एक्सेंट में बात करने वाले को ही नौकरी में तवज्जो दी जाती थी।
10वीं पास है सरगना, बोलता है फर्राटेदार अंग्रेजी
अवैध कॉल सेंटर चलाने वाले गिरोह का सरगना मुस्तफा दसवीं पास है। वह फर्राटेदार अंग्रेजी बोलता है। मुस्तफा ने ही नोएडा में सेटअप तैयार किया था। उसने अन्य लोगों को मासिक सैलरी पर रखा हुआ था। इनकी सैलरी 15 हजार रुपये से 40 हजार रुपये तक है। ठगी की रकम में से भी कर्मचारियों को एक हिस्सा मिलता था, जिसे बोनस बताया जाता था। वहीं जिस बिल्डिंग में अवैध कॉल सेंटर चल रहा था, उसका किराया पचास हजार रुपये प्रति माह था।