देश में भारी बारिश[wiki] के बाद लोग आकाशीय बिजली एवं अन्य कारणों से मौत के शिकार हुए हैं। खासकर UP में बीते 24 घण्टे में 14 मौत के आंकड़े ने कोहराम मचा दिया है
जून 2025 की घटनाएँ:
14-15 जून को, उत्तर प्रदेश के 14 जिलों में आकाशीय बिजली गिरने से 25 लोगों की मौत हुई, जिनमें 8 महिलाएँ और 7 बच्चे शामिल थे। सबसे ज्यादा प्रभावित जिले प्रयागराज और जौनपुर रहे, जहाँ प्रत्येक में 4-4 मौतें हुईं। प्रयागराज के सोनबरसा हल्लाबोल गाँव में एक ही परिवार के चार सदस्य—विरेंद्र बानवासी (35), उनकी पत्नी पार्वती (32), और उनकी बेटियाँ राधा (3) और करिश्मा (2)—की झोपड़ी पर बिजली गिरने से मृत्यु हो गई।
जौनपुर में, काशीदासपुर गाँव में तीन बच्चे—अंश (12), आशु (10), और आयुष (12)—आम तोड़ते समय बिजली की चपेट में आए। कर्णहुआ गाँव में किसान ब्रिजेश राजभर (28) की भी मृत्यु हुई।
अन्य जिलों में मौतें:
ललितपुर, गोरखपुर, बरेली, बिजनौर (प्रत्येक में 2), और लखनऊ, कानपुर देहात, कुशीनगर, शाहजहांपुर, हरदोई, संभल, झाँसी, जालौन (प्रत्येक में 1)। गोरखपुर में 12 वर्षीय खुशबू और 35 वर्षीय मधुरी की मृत्यु हुई। 20 जून को, कौशांबी में चार बच्चे मारे गए—दो सराय अकिल में बकरियाँ चराते समय, और दो तारा का पुरा में भैंस चराते समय।
जुलाई 2025 की घटनाएँ:
पिछले 24 घंटों में बिजली गिरने से 7 लोगों की मौत हुई। रायबरेली के परशदेपुर गाँव में एक मजदूर की खेत में काम करते समय मृत्यु हुई। कुल 14 मौतें आपदाओं से हुईं, जिनमें सर्पदंश और डूबने की घटनाएँ भी शामिल थीं। 47 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया, और चित्रकूट में 141.5 मिमी बारिश दर्ज की गई।
सरकारी कार्रवाई:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 4 लाख रुपये की सहायता और घायलों के लिए मुफ्त इलाज का आदेश दिया। मौसम विभाग ने बारिश और बिजली की चेतावनी जारी की, लोगों से खुले में न रहने की सलाह दी।
निष्कर्ष: 2025 में बिजली गिरने से उत्तर प्रदेश में कम से कम 36 मौतें हुईं, मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों में। जलवायु परिवर्तन और मानसून की तीव्रता इसके प्रमुख कारण हैं।
यूपी में मानसून कब आता है?
मानसून। मानसून का मौसम जून से अक्टूबर तक रहता है। यह औसत वार्षिक वर्षा का 85 प्रतिशत होता है। बरसात के दिनों में तापमान गिर जाता है।
check results here : https://rrbsecunderabad.gov.in/
बारिश से कौन सी आपदाएं होती हैं?
भारत में प्राकृतिक आपदा, उनमें से कई भारत की जलवायु से संबंधित हैं, जिससे जान-माल का भारी नुकसान होता है। सूखा, फ्लैश फ्लड, चक्रवात , हिमस्खलन, मूसलाधार बारिश के कारण हुए भूस्खलन और बर्फीले तूफान सबसे बड़ा खतरा हैं। एक प्राकृतिक आपदा भूकंप, बाढ़, ज्वालामुखी विस्फोट, भूस्खलन, तूफान आदि के हो सकती है।