National : 2027 तक खुल जाएंगे 15 विदेशी विश्वविद्यालय, नई लिस्ट जारी ! 

By Anuj Kumar | Updated: July 18, 2025 • 8:22 AM

नई शिक्षा नीति (New Education Policy) के तहत, ब्रिटेन की साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी ने गुरुग्राम में अपना पहला कैंपस खोला है। इससे भारतीय विद्यार्थी कम खर्च में विदेशी विश्वविद्यालयों से पढ़ाई कर पाएंगे। यह भारत के उच्च शिक्षा परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण कदम है और छात्रों के लिए नए अवसर प्रदान करेगा

देश में बहुत से विद्यार्थी ज्यादा खर्च के कारण विदेशी विश्वविद्यालयों (Foreign Universities) से पढ़ाई करने का सपना पूरा नहीं कर पाते। अब वे देश में रहकर कम खर्च में ही ऐसा कर पाएंगे। नई शिक्षा नीति से यह संभव होने जा रहा है। ब्रिटेन के साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी ने बुधवार को गुरुग्राम में ऐसे पहले कैंपस का उद्घाटन किया। भारत के उच्च शिक्षा परिदृश्य में इसे एक मील का पत्थर माना जा रहा है।

साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी में कंप्यूटिंग, कानून, व्यवसाय इत्यादि में डिग्री प्रदान की जाएगी। उम्मीद है कि इसमें प्रतिवर्ष 5,500 छात्र नामांकन लेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अनुसार, 2027 तक भारत में 15 विदेश विश्वविद्यालयों के कैंपस स्थापित हो सकते हैं। अनुमान है कि यहां उनकी ट्यूशन फीस अमरीकी कैंपस की तुलना में 25-40 फीसदी कम होगी।

यूजीसी के नए नियमों के तहत शीर्ष 500 वैश्विक संस्थानों को भारत में पूर्ण स्वायत्त परिसर स्थापित करने की अनुमति दी जाएगी, जिसमें उनके अपने प्रवेश मानदंड, शुल्क संरचना और डिग्री मान्यता होगी। इससे भारतीयों को कम लागत में विश्व स्तरीय शिक्षा मिलेगी। अनुमान है कि विदेश जाने वाला एक भारतीय शिक्षा पर औसतन 60 हजार डॉलर खर्च करता है।

ये विश्वविद्यालय आएंगे

इन कारणों से आ रहे भारत

  1. नीतिगत अनिश्चितताः अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के शासनकाल में सख्त वीजा नीतियों और राजनीतिक तनावों के कारण वहां नामांकन घटा है। विद्यार्थी अमरीका जाने से कतरा रहे हैं।
  2. राजस्व में विविधता लाना: बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच अपने राजस्व स्रोत में विविधता लाना, ब्रांड उपस्थिति में विस्तार के साथ वित्तीय स्थिरता हासिल करना।
  3. भू-राजनीतिक संतुलन: तेजी से बहुध्रुवीय होती दुनिया में, क्षेत्रीय व्यवधानों से बचते हुए अपनी अंतरराष्ट्रीय रणनीति को नए सिरे से धार देना।

भारत है बड़ा बाजार

नई शिक्षा नीति में 5-3-3-4 का क्या अर्थ है?

जैसा कि एनईपी 2020 द्वारा सुझाया गया है, नई शिक्षा प्रणाली 5 + 3 + 3 + 4 शिक्षा प्रणाली का पालन करेगी जहां छात्र अपनी नींव मजबूत करने में 5 साल बिताएंगे, 3 साल प्रारंभिक चरण में, 3 साल मध्य चरण में और बाकी 4 साल माध्यमिक चरण में ।

नई शिक्षा नीति के मुख्य बिंदु क्या हैं?

नई शिक्षा नीति (एनईपी) 3 से 18 वर्ष की आयु तक अनिवार्य स्कूली शिक्षा का प्रावधान करती है, जिसमें 3-6 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए तीन साल की प्री-स्कूलिंग शुरू की गई है। पाठ्यक्रम संरचना 10+2 से बदलकर 5+3+3+4 कर दी गई है, जिसमें प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) पर ज़ोर दिया गया है।

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