19 age में डेब्यू कर बॉलीवुड में मचाया तहलका
90 के दशक में बॉलीवुड में कई अभिनेत्रियों का जलवा था। माधुरी दीक्षित और जूही चावला उस समय इंडस्ट्री की टॉप हीरोइन थीं। लेकिन एक नई एक्ट्रेस ने 19 age में डेब्यू कर सबको चौंका दिया। यह थीं आयशा जुल्का, जिन्होंने अपनी पहली फिल्म से ही दर्शकों का दिल जीत लिया। 1991 में सलमान खान के साथ फिल्म “कुर्बान” से उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा। इसके बाद “जो जीता वही सिकंदर” और “खिलाड़ी” जैसी फिल्मों ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया। उनकी खूबसूरती और एक्टिंग ने माधुरी और जूही को भी कड़ी टक्कर दी।

सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंची आयशा
आयशा जुल्का का जन्म 28 जुलाई 1972 को श्रीनगर में हुआ था। 19 age में डेब्यू करने के बाद उनका करियर तेजी से ऊपर गया। “खिलाड़ी” में अक्षय कुमार के साथ उनकी जोड़ी हिट रही। फिर “मेहरबान” और “वक्त हमारा है” जैसी फिल्मों ने उनकी लोकप्रियता बढ़ाई। वह उस दौर की उन चुनिंदा अभिनेत्रियों में थीं, जो बिना किसी गॉडफादर के इंडस्ट्री में चमकीं। उनकी स्क्रीन प्रेजेंस और डांसिंग स्किल्स ने दर्शकों को दीवाना बना दिया। लेकिन उनकी यह सफलता लंबे समय तक नहीं टिकी।

बॉयफ्रेंड के धोखे ने तोड़ा करियर
आयशा जुल्का का करियर तब ढलान पर आया, जब उनके बॉयफ्रेंड अरमान कोहली के साथ उनका ब्रेकअप हुआ। दोनों ने “कोहरा” और “अनाम” फिल्मों में साथ काम किया था। इस दौरान उनका रिश्ता शुरू हुआ, जो 90 के दशक में खूब चर्चा में रहा। आयशा ने एक इंटरव्यू में बताया कि वह शादी के लिए फिल्में छोड़ने को तैयार थीं। लेकिन अरमान के धोखे ने उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया। इस ब्रेकअप ने उन्हें भावनात्मक रूप से तोड़ दिया। नतीजा यह हुआ कि उन्होंने धीरे-धीरे फिल्मों से दूरी बना ली।

इंडस्ट्री छोड़ने का फैसला
ब्रेकअप के बाद आयशा का करियर पटरी से उतर गया। उनकी फिल्में फ्लॉप होने लगीं, और ऑफर कम हो गए। 2003 में उन्होंने कंस्ट्रक्शन टाइकून समीर वाशी से शादी कर ली। इसके बाद वह पूरी तरह बॉलीवुड से गायब हो गईं। हाल ही में एक पॉडकास्ट में आयशा ने कहा कि वह अरमान के बारे में अब बात भी नहीं करना चाहतीं। आज वह अपने पति के साथ खुशहाल जिंदगी जी रही हैं। हालांकि, वह ओटीटी प्लेटफॉर्म पर छोटी भूमिकाओं में नजर आती हैं।
19 age में डेब्यू कर आयशा जुल्का ने बॉलीवुड में शानदार शुरुआत की थी। लेकिन एक ब्रेकअप ने उनकी जिंदगी और करियर बदल दिया। उनकी कहानी एक सबक है कि सफलता के पीछे भावनात्मक मजबूती भी जरूरी है। आप इस कहानी के बारे में क्या सोचते हैं? अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं!