Hyderabad : 228 साइबर अपराध आरोपियों को पकड़ा

By Ankit Jaiswal | Updated: August 4, 2025 • 12:00 AM

मामलों में 13 प्रतिशत की गिरावट

हैदराबाद। तेलंगाना साइबर सुरक्षा ब्यूरो (TGCSB) ने पिछले सात महीनों के दौरान भारत भर में विभिन्न साइबर अपराधों में शामिल 27 महिला अपराधियों सहित 228 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारियाँ तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड सहित कई राज्यों में की गईं। TGCSB की निदेशक शिखा गोयल ने कहा, ‘इस साल की कार्रवाई में फर्जी कॉल सेंटरों और नौकरी घोटालों से लेकर बाल शोषण और साइबर गुलामी गिरोहों तक, साइबर अपराधों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल थी। टीजीसीएसबी द्वारा इस अवधि के दौरान चलाए गए तीन विशेष अभियानों सहित इस व्यापक प्रवर्तन प्रयास के परिणामस्वरूप इस वर्ष की पहली छमाही के दौरान तेलंगाना में साइबर अपराध के मामलों में 13 प्रतिशत की गिरावट आई।

एनआरआई और अमेरिकी नागरिकों को बना रहे थे निशाना

इनमें से एक प्रमुख कार्रवाई हैदराबाद के हाई-टेक सिटी स्थित पत्रिका नगर से संचालित एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया गया, जिसमें 63 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से अधिकांश गुजरात और पूर्वोत्तर राज्यों से थे। ये लोग साइबर धोखाधड़ी योजनाओं में एनआरआई और अमेरिकी नागरिकों को निशाना बना रहे थे। इसी अवधि के दौरान, टीजीसीएसबी की बाल संरक्षण इकाई (सीपीयू) ने तेलंगाना भर में बाल यौन शोषण और दुर्व्यवहार सामग्री (सीएसईएएम) से संबंधित 57 साइबर टिप लाइन शिकायतों से जुड़े 15 आदतन अपराधियों को गिरफ्तार किया।

गिरफ्तार किए गए 228 आरोपी

इन विशेष अभियानों के अलावा, ब्यूरो ने देश भर में विभिन्न अपराधों में शामिल कई अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए 228 आरोपी 1313 अखिल भारतीय और 189 तेलंगाना अपराध से जुड़े हैं, जिनमें 92 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई थी। गिरफ्तार किए गए लोग भारत के हर कोने से हैं, जिनमें तेलंगाना (93), नागालैंड (42), गुजरात (20), आंध्र प्रदेश (17), पश्चिम बंगाल (6), उत्तर प्रदेश (6) , मणिपुर (5), असम (5), महाराष्ट्र (5), ओडिशा (5), कर्नाटक (3 ), बिहार (3), मेघालय (2), तमिलनाडु (1), हरियाणा (1), झारखंड (1), और मध्य प्रदेश (1) शामिल हैं।

पाए गए साइबर अपराधों में संलिप्त

शिखा गोयल ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोग विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों में संलिप्त पाए गए, जिनमें 66 फर्जी कॉल सेंटरों से संबंधित, 77 निवेश और नौकरी धोखाधड़ी, 15 सीएसईएएम से संबंधित, 18 साइबर गुलामी मॉड्यूल, 13 ऑनलाइन ट्रेडिंग धोखाधड़ी और कई अन्य अपराध जैसे अवैध सिम बॉक्स ऑपरेटर, डिजिटल गिरफ्तारी, पहचान की चोरी, प्रतिरूपण आदि शामिल हैं।

साइबर अपराध क्या है?

जब कोई व्यक्ति कंप्यूटर, इंटरनेट या डिजिटल नेटवर्क का उपयोग कर किसी अन्य व्यक्ति, संस्था या सरकार को नुकसान पहुँचाने का कार्य करता है, तो उसे साइबर अपराध कहा जाता है।

साइबर अपराध की शुरुआत कब हुई थी?

भारत में साइबर अपराध की पहचान 1990 के दशक के अंत में शुरू हुई, लेकिन पहला साइबर कानून 2000 में बना, जब सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम लागू किया गया।

साइबर क्राइम एक्ट क्या है?

यह अधिनियम भारत में डिजिटल अपराधों को रोकने और उनके लिए सजा देने के लिए बनाया गया है। इसे 2000 में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) के रूप में लागू किया गया था।

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