बिहार (Bihar) मुख्यमंत्री नीतीश (Nitish) की अध्यक्षता में मंगलवार सुबह 10.30 से शुरू हुई कैबिनेट बैठक करीब एक घंटे तक चली। बैठक में 43 प्रस्तावों पर मुहर लगा दी गई। इस दौरान बिहार की सभी सरकारी सेवाओं में हर स्तर पर सभी प्रकार की मदों पर सीधी नियुक्तियों में राज्य की मूल निवासी महिला अभ्यर्थियों को ही 35 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ दिए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई। यानी बाहर के राज्य की महिला को बिहार में 35 प्रतिशत आरक्षण का लाभ का नहीं मिलेगा।
इसमें एक अहम प्रस्ताव बिहार Bihar के युवाओं के लिए भी है। जिस पर सीएम नीतीश कुमार ने अपनी स्वीकृति दे दी है। यानी अब बिहार में युवा आयोग का गठन किया जाएगा। सीएम नीतीश ने इसका खुद ही एलान किया। इसके अलावा सामान्य प्रशासन विभाग के एक और महत्वपूर्व प्रस्ताव पर सीएम नीतीश कुमार ने मुहर लगा दी।
इसके अलावा समाज कल्याण विभाग मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना संबल अंतर्गत राज्य के पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग एवं सामान्य वर्ग के पुरुष दिव्यांग अभ्यर्थियों को राज्य के सदृश्य सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत कोई आर्थिक सहयोग देय नहीं होगा। बिहार सरकार की ओर से बताया गया कि प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार की तैयारी के लिए पचास हजार और एक लाख रुपये की राशि दिव्यांगजनों दी जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई है।
बिहार में सबसे ज्यादा बार मुख्यमंत्री कौन बना है?
बिहार में सबसे ज्यादा बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड श्री नीतीश कुमार के नाम है।
वे अब तक 9 बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं।
उनका कार्यकाल विभिन्न गठबंधनों और राजनीतिक परिस्थितियों में विभाजित रहा है।
विकिपीडिया क्या कहता है?
- नीतीश कुमार 1 मार्च 1951 को बख्तियारपुर, बिहार में जन्मे, जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नेता हैं और मार्च 2000, 2005–2014 व 2015 से अब तक (9वीं बार) बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं
- उन्होंने पटना के बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (अब NIT पटना) से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की
- केंद्र सरकार में भी मंत्री रहे (रेल, कृषि, भूमि परिवहन), 1994 में समता पार्टी की स्थापना की, और 2003 में जनता दल (यूनाइटेड) में विलय कर इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष बने
नीतीश किस बिरादरी के हैं?
नीतीश कुमार कुरमी जाति से आते हैं, जो एक ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समुदाय है।
कुरमी जाति को खेती-किसानी से जुड़ा मेहनतकश समुदाय माना जाता है।
बिहार की राजनीति में ओबीसी वर्ग का बड़ा प्रभाव है, और नीतीश कुमार इसके प्रमुख नेता माने जाते हैं।