सोना और नकदी बरामद
मेदक। मेदक पुलिस (Medak Police) ने गुरुवार को चिन्ना शंकरमपेट में चोरों के एक चार सदस्यीय गिरोह को गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से 13 तोला सोने के आभूषण, 95 ग्राम चांदी के आभूषण और 1.24 लाख रुपये नकद जब्त किए। तूप्रान के डीएसपी (DSP) नरेन्द्र गौड़ ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मंडल के खाजापुर निवासी चिगुल्ला मल्लैया से शिकायत मिली थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि 9 जुलाई को उनके घर में चोरी हुई थी।
कबूल कर ली चोरी में अपनी संलिप्तता
जांच के दौरान, चिन्ना शंकरमपेट पुलिस ने गुरुवार सुबह संदिग्धों को घूमते हुए देखकर उन्हें हिरासत में ले लिया। आरोपियों की पहचान खाजापुर निवासी चिगुल्ला महिपाल, चिगुल्ला कर्णकर, माला महेश और परीशा भूपाल के रूप में हुई है। प्रारंभिक पूछताछ के दौरान, आरोपियों ने कथित तौर पर चोरी में अपनी संलिप्तता कबूल कर ली। पुलिस ने बताया कि गिरोह ने पिछले कुछ वर्षों में इसी गाँव में कई चोरियाँ की हैं। गिरफ्तारी के बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया। कार्रवाई के दौरान सीआई वेंकटराज गौड़, एसआई नारायण और अन्य अधिकारी मौजूद थे।
गिरफ्तारी से क्या तात्पर्य है?
तात्पर्य है किसी व्यक्ति को विधिक प्रक्रिया के तहत स्वतंत्रता से वंचित करना। यह तब की जाती है जब किसी पर अपराध करने का संदेह या आरोप हो। पुलिस या अधिकृत अधिकारी कानून के अनुसार उसे हिरासत में लेते हैं।
गिरफ्तार क्यों होता है?
व्यक्ति को गिरफ्तार तब किया जाता है जब वह किसी कानून का उल्लंघन करता है, अपराध में संलिप्त हो या उसके खिलाफ अदालत द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी हो। कई बार संदेह के आधार पर भी जांच के लिए गिरफ्तार किया जाता है।
गिरफ्तार व्यक्ति के क्या अधिकार हैं?
उनको कुछ संवैधानिक अधिकार प्राप्त होते हैं जैसे: गिरफ्तारी का कारण जानने का अधिकार, वकील से मिलने का अधिकार, 24 घंटे में मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश होने का अधिकार, और चुप रहने का अधिकार (अनुच्छेद 20 और 22 के तहत)।
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