11 जुलाई से 9 अगस्त तक चलेगा सावन का महीना
इस साल सावन (Sawan) का महीना 11 जुलाई 2025 से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 तक चलेगा। सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को पड़ेगा और सावन का अंतिम सोमवार (Monday) 4 अगस्त को पड़ रहा है। सावन महीने में 4 सोमवार व्रत होंगे और चार मंगला गौरी व्रत होंगे। वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस समय मंत्र जप का भी बहुत महत्व होता है। ‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र का जप करने से सभी तरह के दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। शिव भगवान को यदि प्रसन्न करना है तो सावन माह में पूरे विधि विधान के साथ उनकी पूजा जरूर करनी चाहिए।
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस साल सावन का महीना 11 जुलाई 2025 से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 तक चलेगा। सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को पड़ेगा और सावन का अंतिम सोमवार 4 अगस्त को पड़ रहा है।
बेहद महत्वपूर्ण होते हैं सावन के प्रत्येक सोमवार
इस साल सावन में कुल 4 सोमवार आ रहे हैं। सावन महीने में 4 सोमवार व्रत होंगे। सावन माह में सोमवार के दिन का भी विशेष महत्व होता है। सावन सोमवार व्रत मनोकामना पूर्ति के लिए किया जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इसलिए धार्मिक दृष्टि से सावन सोमवार का विशेष महत्व होता है। इस महीने राशि के अनुसार विशेष उपाय करने शिवजी की कृपा प्राप्त होती है। ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि सावन के प्रत्येक सोमवार और सभी मंगलवार बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। सावन के सभी सोमवार को शिवजी का व्रत रखा जाता है। वहीं सावन के मंगलवार को मंगला गौरी व्रत होता है। सुहागिन महिलाओं के लिए सावन के मंगला गौरी व्रत का खास महत्व होता है।
भगवान शिव का सबसे पसंदीदा माह है सावन मास
महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए यह व्रत रखती हैं। इसके साथ ही सावन के दोनों प्रदोष व्रत, नाग पंचमी, रक्षा बंधन और हरियाली तीज जैसे प्रमुख व्रत त्योहार भी धूमधाम से मनाए जाते हैं। सावन के सोमवार का भक्तों को बहुत इंतजार रहता है। इस महीने में भोलेशंकर की विशेष अराधना की जाती है। लोग भोले शंकर का रुद्राभिषेक कराते हैं। सावन मास भगवान शिव का सबसे पसंदीदा माह है और इस दौरान यदि कोई श्रद्धालु पूरी आस्था के साथ भोलेनाथ की आराधना करता है तो उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है इस महीने भगवान शिव की विधि-विधान के साथ पूजा होती है। सावन के पावन महीने में शिव के भक्त कावड़ लेकर आते हैं और उस कांवड़ में भरे गंगा जल से शिवजी का अभिषेक करते हैं।
कब से कब तक रहेगा सावन
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस वर्ष सावन का महीना 11 जुलाई 2025 से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 तक चलेगा। इस दौरान कुल चार सोमवार आएंगे। सावन का समापन रक्षाबंधन पर्व के साथ होगा, जो भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है, जो इस बार 9 अगस्त को मनाया जाएगा।
शुभ योग
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस बार सावन के पहले ही दिन एक विशेष योग बन रहा है, जिसे शिववास योग कहा जाता है। इस शुभ संयोग में भगवान शिव माता पार्वती के साथ कैलाश पर्वत पर विराजमान रहेंगे। मान्यता है कि इस योग में शिवजी की पूजा और जलाभिषेक करने से साधक को सौभाग्य, सुख-समृद्धि और मनचाहा वरदान प्राप्त होता है।
सावन में 4 सोमवार
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सावन में 4 सोमवार व्रत रहेंगे। इसके अलावा कई विशेष शुभ योग भी आएंगे। ऐसी मान्यता है कि इस माह में किए गए सोमवार के व्रत का फल बहुत जल्दी मिलता है।
सावन सोमवार की तिथियां
- पहला सोमवार- 14 जुलाई 2025
- दूसरा सोमवार- 21 जुलाई 2025
- तीसरा सोमवार- 28 जुलाई 2025
- चौथा सोमवार- 4 अगस्त 2025
मंगला गौरी व्रत तिथि
- पहला मंगला गौरी व्रत- 15 जुलाई
- दूसरा मंगला गौरी व्रत– 22 जुलाई
- तीसरा मंगला गौरी व्रत– 29 जुलाई
- चौथा मंगला गौरी व्रत– 5 अगस्त
सावन का महत्व
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा अर्चना का विशेष फल प्राप्त होता है। मान्यता है इस दिन जो भी पार्वती और भगवान भोलेनाथ की आराधना करता है उसे सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान भोलेनाथ को अपने पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने कठोर तपस्या की थी। इसके फलस्वरूप महादेव ने पार्वती जी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करने का वर दिया। मान्यता है कि जो भी सावन के सोमवार में भगवान भोलेनाथ की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करता है उसे मनचाहा वर या वधू प्राप्त होता है। इसके अलावा सावन के सोमवार का व्रत रखने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है और इसके अलावा राहु-केतु का अशुभ प्रभाव दूर होता है।
मां पार्वती को भी सावन अत्यंत प्रिय
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि भगवान शंकर को जिस तरह से सावन मास प्रिय है। ठीक उसी तरह से मां पार्वती को भी सावन का महीना अत्यंत प्रिय है। मान्यता है कि सावन महीने में सोमवार के दिन भगवान शंकर की पूजा करने से मनचाहा वरदान प्राप्त होता है। वहीं सावन के मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रकने से मां पार्वती की कृपा से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।
सावन व्रत त्योहार
12 जुलाई जया पार्वती व्रत,14 जुलाई सावन का पहला सोमवार, संकष्टी चतुर्थी,15 जुलाई नाग पंचमी (कृष्ण पक्ष) पहला मंगला गौरी व्रत, 16 जुलाई कर्क संक्रांति, 17 जुलाई कालाष्टमी, 21 जुलाई सावन का दूसरा सोमवार व्रत, कामिका एकादशी, 22 जुलाई भौम प्रदोष व्रत दूसरा मंगला गौरी व्रत, 23 जुलाई सावन शिवरात्रि, 24 जुलाई हरियाली अमावस्या, 27 जुलाई हरियाली तीज, 28 जुलाई सावन का तीसरा सोमवार व्रत,29 जुलाई नाग पंचमी (शुक्ल पक्ष) तीसरा मंगला गौरी व्रत, 31 जुलाई तुलसीदास जयंती, 4 अगस्त चौथा सोमवार व्रत, 5 अगस्त श्रावण पुत्रदा एकादशी चौथा मंगला गौरी व्रत, 6 अगस्त प्रदोष व्रत, 8 अगस्त वरलक्ष्मी व्रत, 9 अगस्त रक्षाबंधन, नारली पूर्णिमा, श्री सत्यनारायण व्रत.
सोमवार का व्रत कब से शुरू करना चाहिए 2025 में?
- 2025 के सावन सोमवार की तारीखें:
- 7 जुलाई 2025 – पहला सोमवार
- 14 जुलाई 2025 – दूसरा सोमवार
- 21 जुलाई 2025 – तीसरा सोमवार
- 28 जुलाई 2025 – चौथा सोमवार
- 4 अगस्त 2025 – पाँचवां सोमवार (कुछ पंचांग में पाँच सोमवार)
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