Latest Hindi News : कश्मीर हाईवे पर 5000 ट्रक जाम, व्यापारियों में नुकसान की चिंता

By Anuj Kumar | Updated: September 16, 2025 • 11:23 AM

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के किसान और व्यापारी इस वक्त परेशान हैं। दरअसल, पिछले महीने हुई भारी बारिश (Heavy Rain) की वजह से 270 किलोमीटर लंबा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (Jammu- Shrinagar National Highway) (एनएच-44) लगातार नौ दिनों तक बंद रहा। हालांकि, पिछले सप्ताह इसे खोल दिया गया लेकिन इस मार्ग पर केवल हल्के मोटर वाहनों को ही आवाजाही की अनुमति दी गई। इसकी वजह से करीब 5000 से ज्यादा ट्रक हाई वे पर फंसे हुए हैं।

सड़ रहे हैं लाखों टन फल

घाटी से देशभर के दूसरे हिस्सों में आवाजाही बाधित रहने के कारण इन ट्रकों में रखे फल अब सड़ने लगे हैं। इससे कश्मीर के फल व्यापारी गुस्से में हैं। अपना विरोध दर्ज कराने के लिए व्यापिरयों ने सोमवार को पूरे कश्मीर की फल मंडियों में हड़ताल की। उनका कहना है कि ट्रकों की आवाजाही नहीं होने की वजह से उन्हें लगभग 800-1,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है क्योंकि ट्रकों में 90 प्रतिशत फल सड़ चुके हैं क्योंकि ये दस दिनों से ज़्यादा समय से सड़कों पर फंसे हुए हैं।

आर्थिक नाकेबंदी का आरोप

व्यापारियों ने इसे आर्थिक नाकेबंदी करार दिया है और आरोप लगाया है कि अधिकारी सड़क की मरम्मत और उसे चालू करने के लिए पूरी क्षमता का उपयोग नहीं कर रहे हैं। फल व्यापारियों के मुताबिक, हर ट्रक में 700-1,200 पेटियाँ लदी होती हैं, जिसकी कीमत लगभग 10-15 लाख रुपये प्रति ट्रक होती है।

बागवानी और व्यापार को बड़ा झटका

कश्मीर में भारी बारिश और बाढ़ (Flood) के कारण पहले ही कई बाग क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और अब सड़कों पर आवाजाही बंद रहने से फल सड़ रहे हैं। व्यापारियों ने बताया कि कई ट्रकों से सड़े फलों के रस टपकने लगे हैं। उत्तरी कश्मीर के सोपोर के व्यापारी संघ के मुहम्मद अशरफ ने कहा, यह मौसम की शुरुआत है और हमें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस नुकसान की भरपाई करना असंभव है, जो सैकड़ों करोड़ रुपये में है।

हाईवे पर आंसुओं से भीगी तस्वीरें

रिपोर्ट में कहा गया है कि नेशनल हाईवे पर कई फल व्यापारियों को अपने ट्रकों के पास रोते हुए देखा गया, जो दस दिनों से ज़्यादा समय से वहां फंसे हुए हैं।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का केंद्र पर निशाना

इस बीच, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भारत सरकार से हाईवे को केंद्र शासित प्रदेश सरकार को सौंपने का आग्रह किया और आरोप लगाया है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी यह काम नहीं कर पा रहे हैं। अब्दुल्ला ने कहा, बस बहुत हो गया। हर दिन ये लोग (राजमार्ग अधिकारी) हमें बताते रहते हैं कि राजमार्ग जल्द ही बन जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। अगर वे राजमार्ग बहाल नहीं कर सकते, तो हमें सौंप दें। हम इसे तुरंत ठीक कर देंगे।

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