मां दुर्गा की उत्पत्ति: मां दुर्गा को आदि शक्ति, भवानी और जगत जननी जैसे कई शीर्षक से पूजा जाता है। वे ब्रह्मांड की सुरक्षा हैं और सृष्टि की सबसे आदिम शक्ति मानी जाती हैं।
देवी दुर्गा का जन्म कैसे हुआ?
पुराणों के मुताबिक, जब महिषासुर नामक असुर ने देवताओं को पराजित कर देवलोक पर काबू कर लिया, तब त्रिदेवों ने मिलकर एक दिव्य तेज उत्पन्न किया। इस तेज से एक दिव्य स्त्री प्रकट हुई, जो थीं देवी दुर्गा।
- शिव के तेज से मुख
- विष्णु के तेज से आठ भुजाएं
- ब्रह्मा के तेज से चरण
- अन्य देवताओं के तेज से माता के अंगों की रचना हुई।
माता को मिले दिव्य अस्त्र-शस्त्र
हर देवता ने माता को शक्तिशाली शस्त्र दिए। शिव ने त्रिशूल, विष्णु ने चक्र, इंद्र ने वज्र, हिमालय ने सिंह की सवारी दी। देवी को रत्न जड़ित पोशाक, किरीट और आभूषणों से सजाया गया।

मां दुर्गा की उत्पत्ति: महिषासुर का विनाश कैसे हुआ?
जब देवी दुर्गा रणभूमि में पहुंचीं, उन्होंने पहले महिषासुर की विशाल सेना का संहार किया। फिर भीषण युद्ध के बाद देवी ने स्वयं महिषासुर का विनाश किया। यह विजय न केवल देवताओं की सुरक्षा थी, बल्कि अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक भी बनी।

मां दुर्गा की उत्पत्ति: नवरात्रि में क्यों होती है विशेष पूजा?
नवरात्रि के नौ दिवस मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की आराधना की जाती है। भक्त दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं और देवी की अनुग्रह से सुख-समृद्धि की मान्यता करते हैं। स्वीकृति है कि इस समय देवी पृथ्वी पर आवास करती हैं।