Akshardham Temple का इतिहास और वैश्विक विस्तार

अक्षरधाम मंदिर का इतिहास

अक्षरधाम मंदिर का इतिहास: अक्षरधाम मंदिर हिन्दुस्तानी संस्कृति और आध्यात्मिकता का एक अनोखा प्रतीक है, जो भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है। “अक्षरधाम” शब्द का अर्थ है — ‘अक्षर’ (जो नष्ट न हो) और ‘धाम’ (निवास स्थान)।

दिल्ली अक्षरधाम मंदिर : सांस्कृतिक धरोहर

दिल्ली का अक्षरधाम मंदिर 2005 में जनता के लिए खोला गया। प्रवेश करते ही श्रद्धालुओं को भगवान स्वामीनारायण की 11 फुट ऊंची भव्य मूर्ति के दर्शन होते हैं। देवालय परिसर में भारतीय कला, आत्मज्ञान और इतिहास की खूबसूरत झलक मिलती है। यहां की तक्षण और भव्य वास्तुकला पारंपरिक हिन्दुस्तानी देवालय शिल्प का बेजोड़ उदाहरण हैं।

वैश्विक स्तर पर अक्षरधाम का फैलाव

अक्षरधाम मंदिर का इतिहास

8 अक्टूबर 2023 को न्यू जर्सी के रॉबिंसविल में अमेरिका के सबसे बड़े हिंदू देवालय का शुरू हुआ। 185 एकड़ में फैले इस भव्य देवालय का निर्माण 12 वर्षों में हुआ। देवालय की ऊंचाई 191 फीट है और इसमें सात देशों से मंगवाए गए प्रस्तररों का उपयोग किया गया है।

अक्षरधाम मंदिर का इतिहास: अबू धाबी में भव्य हिंदू मंदिर

फरवरी 2024 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने UAE के पहले हिंदू देवालय का शुरू किया। अबू धाबी स्थित यह देवालय पारंपरिक नागर शैली में निर्मित है और 27 एकड़ स्थान में फैला हुआ है। इसमें गुलाबी पत्थर और इतालवी संगमरमर का खूबसूरत संयोजन देखने को मिलता है।

अक्षरधाम मंदिर का इतिहास

स्वामीनारायण सम्प्रदाय की भूमिका

भगवान स्वामीनारायण ने 19वीं सदी में धार्मिक सुधारों के साथ भक्ति और सेवा के केंद्र के रूप में देवस्थानों की स्थापना की। अहमदाबाद, वड़ताल, भुज और भिन्न स्थानों पर बने मंदिर समाज सेवा और धार्मिक शिक्षा के प्रधान केंद्र रहे हैं।

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