खीर भवानी मंदिर: जम्मू-कश्मीर के गंदेरबल जिले के तुल्ला मुल्ला गांव में स्थित खीर भवानी देवालय एक अनोखा और पवित्र स्थल है। श्रीनगर से लगभग 25 किलोमीटर दूर इस देवालय का मुख्य आकर्षण इसका रहस्यमयी कुंड है, जिसका पानी भविष्यकाल की संकटओं की सूचना देता है।
रंग बदलता चमत्कारी कुंड
माना जाता है कि देवालय परिसर में स्थित यह कुंड आपदा से पहले अपना रंग बदलकर चेतावनी देता है। साल 2014 की कश्मीर बाढ़ से पहले इसका पानी काला हो गया था, जिससे यह स्वीकृति और भी पक्का हुई।

खीर भवानी मंदिर: देवी रंगन्या और रावण की कथा
इस देवालय की अधिष्ठात्री देवी हैं माँ रंगन्या (महारज्ञा)। स्वीकृति है कि रावण भी उनके उपासक थे। लेकिन सीता हरण के बाद देवी रुष्ट हो गईं और लंका छोड़कर कश्मीर आ गईं। कहते हैं कि हनुमान जी ने देवी की विग्रह को लंका से उठाकर कश्मीर में स्थापित किया।

ऐतिहासिक महत्व और पुनर्निर्माण
देवालय का निर्माण महाराजा प्रताप सिंह ने 1912 में कराया और बाद में महाराजा हरि सिंह ने इसका जीर्णोद्धार किया। 1890 में स्वामी विवेकानंद भी यहां आराधना कर चुके हैं। वर्तमान में हिन्दुस्तानी सैन्य ने इसका पुनर्निर्माण कराया है।

वार्षिक खीर भवानी महोत्सव
यहां ज्येष्ठ अष्टमी के दिन खीर भवानी का बड़ा उत्सव व्यवस्थित होता है, जिसमें दुनिया भर से कश्मीरी पंडित और भक्त सम्मिलित होते हैं। श्रद्धावान खीर चढ़ाकर देवी से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।