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चारधाम यात्रा: यात्रा की शुरुआत हमेशा Yamunotri क्यों होती है? जानें कारण

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चारधाम यात्रा: यात्रा की शुरुआत हमेशा Yamunotri क्यों होती है? जानें कारण

चारधाम यात्रा: यात्रा की शुरुआत हमेशा Yamunotri से क्यों होती है? जानें कारण

चारधाम यात्रा हिंदू धर्म में एक पवित्र यात्रा मानी जाती है, जिसमें चार प्रमुख तीर्थ स्थल शामिल होते हैं: Yamunotri , गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ। यह माना जाता है कि इन चारों पवित्र स्थानों की यात्रा करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इनमें से यात्रा की शुरुआत हमेशा यमुनोत्री से होती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है, ऐसा क्यों? यहां हम इस बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे कि क्यों चारधाम यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री से होती है।

1. Yamunotri: पहला और सबसे पवित्र स्थान

यमुनोत्री का अत्यधिक धार्मिक महत्व है, क्योंकि यह यमुनापद (यमुनाजी का उद्गम स्थान) है। हिंदू धर्म में यमुनाजी को एक अत्यंत पवित्र नदी माना जाता है, जिसे हरि और भक्तों की आस्था का केंद्र माना जाता है। Yamunotri में स्नान करने से पापों की क्षमा मिलती है और आत्मा की शुद्धि होती है। इस कारण, यात्रा की शुरुआत यहां से होती है ताकि श्रद्धालु पहले यमुनाजी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकें और शुद्ध होकर अन्य स्थानों की यात्रा पर निकल सकें।

चारधाम यात्रा: यात्रा की शुरुआत हमेशा Yamunotri से क्यों होती है? जानें कारण

2. और गंगोत्री के बीच का आध्यात्मिक संबंध

यमुनोत्री और गंगोत्री दोनों ही स्थान हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल हैं। यमुनोत्री में यमुनाजी का उद्गम स्थल है, जबकि गंगोत्री में गंगाजी का। यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री से करने का कारण यह है कि यह दोनों नदियां हिंदू धर्म में अत्यधिक पूजनीय हैं। यमुनोत्री से यात्रा शुरू करने से भक्तों को गंगा और यमुनाजी के बीच एक आध्यात्मिक संबंध की अनुभूति होती है, जो यात्रा को और भी पवित्र बना देती है।

3. यमुनोत्री का पवित्रता और यमुनाजी का आशीर्वाद

यमुनोत्री को एक विशेष धार्मिक स्थान माना जाता है, क्योंकि यहां यमुनाजी की पूजा की जाती है। यमुनाजी के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने अपने भाई यमराज से संसार के पापों को धोने की अनुमति प्राप्त की थी, और इस कारण यमुनोत्री को पापों से मुक्ति का पहला स्थान माना जाता है। यमुनोत्री में स्नान करने से पाप नष्ट होते हैं और भक्तों को यमुनाजी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

4. यमुनोत्री में शुरू होने वाली यात्रा का तंत्रिक महत्व

यमुनोत्री में यात्रा की शुरुआत धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां पर श्रद्धालु उपवासी रहते हैं और सुर्य कुंड (गर्म जल कुंड) में स्नान करते हैं। यह शुद्धि की प्रक्रिया है, जो भक्तों को आध्यात्मिक शुद्धता प्रदान करती है। यमुनोत्री से यात्रा शुरू करने से भक्त पहले आत्मिक रूप से शुद्ध होते हैं और फिर अन्य स्थानों पर जाने के लिए तैयार होते हैं।

5. मौसम और पहुंचने की आसान स्थिति

यमुनोत्री का मंदिर अन्य चारधाम स्थलों की तुलना में पहले खुलता है, क्योंकि यहां का मौसम थोड़ा सुलभ होता है। उच्च पर्वतीय क्षेत्रों जैसे केदारनाथ और बद्रीनाथ में बाद के महीनों में बहुत अधिक ठंड हो जाती है, जिससे वहां पहुंचना कठिन हो जाता है। इसलिए यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री से की जाती है, ताकि तीर्थयात्री पहले स्थान पर आसानी से पहुंचे और यात्रा का आनंद ले सकें।

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