बॉलीवुड के शोमैन कहे जाने वाले राज कपूर ने अपने बेटे रणधीर को इंडस्ट्री में कदम रखते ही कलह का स्वाद चखाया था। कपूर के करियर की आरंभ थर्ड क्लास असिस्टेंट के रूप में हुई थी, जहां उनका काम बड़े अदाकारो के जूते साफ करना भी शामिल था।
यह खुलासा खुद रणधीर की बेटी और अभिनेत्री करिश्मा ने एक सिंगिंग रियलिटी शो ‘इंडियन आइडल’ में किया था। करिश्मा ने बताया कि उनके दादा राज कपूर और अदाकार राजेंद्र कुमार मिलकर एक सिनेमा बना रहे थे, और तभी रणधीर को 16-17 साल की उम्र में असिस्टेंट बनने का अवसर मिला था।
आरंभ में रणधीर कपूर को मिली थी तीसरे दर्जे की ट्रेन सफ़र
करिश्मा ने शो में बताया कि रणधीर कपूर को थर्ड क्लास ट्रेन में सफर करते हुए शूटिंग लोकेशन तक जाना पड़ता था और सेट पर छोटे-मोटे काम करने होते थे। राज कपूर का मानना था कि असली सीख तभी मिलती है जब इंसान जमीनी स्तर से काम करना आरंभ करे। इसलिए उन्होंने अपने बेटे को जूते साफ करने जैसे काम से शुरुआत करने को कहा।

‘कल आज और कल’ से किया डेब्यू
कपूर ने 1971 में मूवी ‘कल आज और कल’ से अभिनय में कदम रखा था। इस फिल्म का निर्देशन खुद राज कपूर ने किया था। मूवी में रणधीर के साथ बबीता और पृथ्वीराज कपूर भी नजर आए थे। ‘कल आज और कल’ को दर्शकों ने काफी सराहा और इसके जरिए रणधीर को मूवी दुनिया में एक दृढ़ पहचान मिली।
बॉलीवुड में संघर्ष की मिसाल बने रणधीर
रणधीर की संघर्ष से भरी यह कहानी आज भी इंडस्ट्री में नई पीढ़ी के कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने साबित कर दिया कि चाहे कुटुम्ब कितना भी बड़ा क्यों न हो, मेहनत और जमीनी तजरबा का कोई विकल्प नहीं है।