एससी/एसटी जिला सत्र न्यायालय ने सोमवार को सनसनीखेज 2018 मिर्यालगुडा पेरुमल्ला प्रणय हत्याकांड में अंतिम फैसला सुनाया। न्यायालय ने प्रणय हत्याकांड में अहम भूमिका निभाने वाले ए2 सुभाष शर्मा को मौत की सजा सुनाई, जबकि शेष आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
जाति-संबंधी मुद्दों पर हत्या को अंजाम
फैसला धारा 302, 120बी, 109 आईपीसी, एससी/एसटी अत्याचार अधिनियम और भारतीय शस्त्र अधिनियम, 1959 के तहत जारी किया गया। कुछ आरोपियों ने स्वास्थ्य और पारिवारिक चिंताओं का हवाला देते हुए नरमी बरतने की गुहार लगाई। प्रणय की हत्या 14 सितंबर, 2018 को अपनी गर्भवती पत्नी अमृता के साथ अस्पताल से लौटते समय की गई थी। इस हमले की साजिश अमृता के पिता मारुति राव ने रची थी, जिन्होंने जाति-संबंधी मुद्दों पर हत्या को अंजाम देने के लिए आतंकवादी असगर अली सहित एक गिरोह को काम पर रखा था।
मुख्य आरोपी मारुति राव की आत्महत्या से मौत हो गई
पुलिस ने सभी कोणों से जांच की और जून 2019 में 1,600 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया, जिसमें आठ आरोपियों की संलिप्तता की पुष्टि हुई। करीब छह साल तक चले मुकदमे में फोरेंसिक साक्ष्य, गवाहों की गवाही और आरोप पत्र के विवरण की जांच की गई। मुख्य आरोपी मारुति राव (ए1) की मार्च 2020 में आत्महत्या से मौत हो गई। अदालत ने सभी सबूतों पर विचार करते हुए ए2 सुभाष शर्मा को मौत की सजा सुनाई, जबकि ए3 असगर अली और अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कुछ आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया, लेकिन वे सुनवाई के लिए पेश होते रहे।