हो जाएं सावधान! मंदिर के गेस्ट हाउस के नाम पर बनी Fraud वेबसाइट, जानिए कैसे खुली पोल? यूपी से 2 गिरफ्तार
इंटरनेट के ज़माने में लोग घर बैठे होटल या गेस्ट हाउस की बुकिंग करते हैं। लेकिन यही सुविधा अब ठगों का नया हथियार बन चुकी है। उत्तर प्रदेश से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें मंदिर के गेस्ट हाउस के नाम पर बनाई गई Fraud वेबसाइट के ज़रिए लोगों को ठगा गया।
पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और यह खुलासा किया कि यह गिरोह देशभर में श्रद्धालुओं को शिकार बना रहा था। यह मामला न केवल साइबर क्राइम का उदाहरण है, बल्कि आम लोगों को सावधान करने के लिए भी चेतावनी है।

कैसे खुला Fraud वाड़े का भंडाफोड़?
- मामला तब सामने आया जब एक श्रद्धालु ने मंदिर के गेस्ट हाउस में बुकिंग के लिए ऑनलाइन भुगतान किया।
- जब वह व्यक्ति गेस्ट हाउस पहुंचा, तो उसे बताया गया कि कोई बुकिंग नहीं हुई है।
- इसी के बाद उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस की मदद से आरोपियों की लोकेशन ट्रैक की।
- जांच में पाया गया कि वेबसाइट असली मंदिर से बिल्कुल मिलती-जुलती थी।
- वेबसाइट पर नकली बुकिंग फॉर्म, पेमेंट गेटवे और संपर्क नंबर भी थे।
- पीड़ितों से एडवांस में पैसे लेकर ठगी की जाती थी।
ट्रांजिशन: कैसे काम करता था गिरोह?
यह गिरोह बड़े ही चालाकी से काम करता था।
- पहले तो वे किसी प्रसिद्ध मंदिर या धार्मिक स्थल का नाम चुनते थे।
- फिर उसी नाम से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाते थे।
- वेबसाइट पर गूगल सर्च ऑप्टिमाइजेशन का उपयोग कर उसे ऊपर लाते थे।
- लोगों को आकर्षित करने के लिए कम कीमत और आकर्षक सुविधाएं दिखाई जाती थीं।
गिरफ्तार हुए आरोपी कौन हैं?
यूपी साइबर सेल ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
- दोनों आरोपी मथुरा के रहने वाले हैं।
- उनके पास से लैपटॉप, मोबाइल, और Fraud वेबसाइट के डोमेन से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए हैं।
- पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि वे अब तक करीब 200 लोगों को ठग चुके हैं।
लोगों को कैसे सतर्क रहना चाहिए?
- किसी भी वेबसाइट से बुकिंग करने से पहले वेबसाइट का URL ध्यान से चेक करें।
- असली वेबसाइट में अक्सर
.gov.in
या मान्यता प्राप्त डोमेन होते हैं। - पेमेंट करने से पहले आधिकारिक फोन नंबर पर कॉल कर पुष्टि करें।
- गूगल रिव्यू और सोशल मीडिया हैंडल की जांच जरूर करें।
- यदि वेबसाइट पर केवल UPI या QR कोड से भुगतान की सुविधा हो, तो सतर्क रहें।

ट्रांजिशन: पुलिस और प्रशासन की भूमिका
उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले में तत्परता दिखाई और समय रहते आरोपियों को पकड़ लिया।
- पुलिस अब गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश में है।
- साथ ही उन सभी वेबसाइट्स की लिस्ट तैयार की जा रही है जो संदिग्ध हैं।
- मंदिर प्रशासन से भी आग्रह किया गया है कि वे अपनी आधिकारिक वेबसाइट स्पष्ट रूप से प्रचारित करें।
आज के डिजिटल युग में सुविधा के साथ खतरे भी बढ़ गए हैं।
धार्मिक आस्था का फायदा उठाकर ठग लोगों को निशाना बना रहे हैं।
इसलिए अब जरूरी है कि हर व्यक्ति ऑनलाइन लेन-देन से पहले दो बार सोचे।
थोड़ी सी सावधानी आपको ठगी से बचा सकती है।