बजट सत्र में सरकार को घेरने के लिए तैयार बीआरएस

तेलंगाना विधानसभा का बजट सत्र जो बुधवार से शुरू होने जा रहा है, बीआरएस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता के. चंद्रशेखर राव ने मंगलवार को पार्टी विधायकों को निर्देश दिया कि वे कांग्रेस सरकार के अधूरे चुनावी वादों के लिए जवाबदेह ठहराएं। जिसमें छह गारंटियां भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपना काम ठीक से करने के लिए 15 महीने दिए गए हैं। उन्होंने जनता के सभी वर्गों में बढ़ते असंतोष की ओर इशारा किया और विधायकों से राज्य भर में बिगड़ती स्थितियों पर सत्तारूढ़ पार्टी से सवाल करने को कहा।

कांग्रेस से मुकाबला करने के लिए रणनीति तैयार

मंगलवार को तेलंगाना भवन में आयोजित बीआरएस विधायक दल (बीआरएसएलपी) की तीन घंटे की मैराथन बैठक के दौरान, चंद्रशेखर राव ने कांग्रेस से मुकाबला करने के लिए रणनीति की रूपरेखा तैयार की। जिसमें किसानों की परेशानी, बिजली की कमी, सिंचाई की विफलता और अधूरी कल्याणकारी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया। जिससे जनता का हर वर्ग परेशान है।

सार्वजनिक सेवाओं की खराब स्थिति पर सरकार को घेरने की तैयारी

वह चाहते थे कि पार्टी विधायक फसलों के सूखने, मोटरों के जलने, सिंचाई के पानी की कमी, पेयजल की कमी और गुरुकुल स्कूलों और सार्वजनिक सेवाओं की खराब स्थिति पर सरकार को घेरें। गौरतलब है कि चंद्रशेखर राव करीब एक साल बाद विधानसभा में वापसी करने जा रहे हैं। इस कदम को कांग्रेस सरकार के लिए सीधी चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने पार्टी विधायकों से विधानसभा और विधान परिषद में पिछड़ा वर्ग आरक्षण, अनुसूचित जाति वर्गीकरण, राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए लंबित डीए बकाया और पीआरसी कार्यान्वयन, दलित बंधु वितरण और विदेशी छात्रवृत्ति जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए दबाव बनाने को कहा। भेड़ और मछली पालन योजनाओं के वितरण को रोकने पर बीआरएस सरकार से सवाल पूछेगी।

आंध्र प्रदेश के साथ जल विवाद और सिंचाई परियोजनाओं पर जवाबी हमले का संकेत

पूर्व मुख्यमंत्री ने कांग्रेस सरकार द्वारा कालेश्वरम परियोजना और बिजली क्षेत्र की जांच पर भी पलटवार किया। आंध्र प्रदेश के साथ जल विवाद और सिंचाई परियोजनाओं पर जवाबी हमले का संकेत दिया। उन्होंने विधायकों को निर्देश दिया कि वे फसलों के सूखने, अंतर-राज्यीय नदी विवाद, एसएलबीसी सुरंग ढहने और राज्य को परेशान करने वाले अन्य मुद्दों पर स्थगन प्रस्ताव लाए। ताकि शासन में कांग्रेस की विफलताओं को उजागर किया जा सके। सभी विधायकों को निर्देश दिया गया कि वे सत्र में उपस्थित रहें। उन्हें सौंपे गए विषयों पर पूरी तैयारी के साथ उपस्थित हों और सरकार को घेरें। साथ ही, उन्हें राज्य के विकास को लेकर पिछली बीआरएस सरकार के खिलाफ कांग्रेस द्वारा फैलाए जा रहे झूठे प्रचार का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए भी कहा गया।

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