क्रिकेटर धोनी और सचिन पायलट टेरिटोरियल आर्मी का हिस्सा हैं। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते थलसेना प्रमुख को यह अधिकार दे दिया गया है
भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी और राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट टेरिटोरियल आर्मी का हिस्सा हैं। अब भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते टेरिटोरियल आर्मी की भी बॉर्डर पर ड्यूटी लग सकती है। रक्षा मंत्रालय के सैन्य मामलों के विभाग ने टेरिटोरियल आर्मी नियम 1948 के नियम 33 के तहत थलसेना प्रमुख को यह अधिकार दे दिया है कि वो टेरिटोरियल आर्मी के सभी अधिकारियों और सैनिकों को जरूरी सुरक्षा ड्यूटी या नियमित सेना के समर्थन में सक्रिय सेवा (एंबॉडीमेंट) में बुला सकते हैं।
जारी अधिसूचना के अनुसार, मौजूदा 32 टेरिटोरियल आर्मी इन्फैंट्री बटालियनों में से 14 बटालियनों को देश के विभिन्न सैन्य कमानों, साउदर्न कमांड, ईस्टर्न कमांड, वेस्टर्न कमांड, सेंट्रल कमांड, नॉर्दर्न कमांड, साउथ-वेस्टर्न कमांड, अंडमान व निकोबार कमांड और आर्मी ट्रेनिंग कमांड (आर्ट्रैक) में तैनात किया जाएगा। तैनाती सिर्फ तभी की जाएगी जब इसके लिए बजट में धन उपलब्ध हो या आंतरिक बजट की बचत से इसे दोबारा आवंटित किया गया हो। अगर टेरिटोरियल आर्मी की यूनिट किसी और मंत्रालय के अनुरोध पर तैनात की जाती है, तो उसकी लागत संबंधित मंत्रालय के बजट से काटी जाएगी, न कि रक्षा मंत्रालय के बजट से।
क्या होती है टेरिटोरियल आर्मी?
- टेरिटोरियल आर्मी, सेना का ही हिस्सा है।
- आर्मी को जहां भी जरूरत होती है वहां पर टेरिटोरियल आर्मी अपनी यूनिट उपलब्ध कराती है और रेगुलर आर्मी की मदद करती है।
- इस आर्मी की खास बात यह है कि अगर कोई शख्स सेना में काम करने का सपना रखता है लेकिन वो कोई और नौकरी भी कर रहा है तो वो इन दोनों ड्यूटी को एक साथ कर सकता है।
- टेरिटोरियल आर्मी में 18 से 42 साल के उम्र के नागरिक जो ग्रेजुएट हों, शारीरिक-मानसिक तौर पर फिट हों, वो लेफ्टिनेंट के तौर पर शामिल हो सकते हैं।
- इसमें शामिल होने की यह शर्त भी है कि आपके पास अपना कमाई का जरिया होना चाहिए।
- यह एक वॉलंटियर सर्विस होती है, यह पक्की नौकरी नहीं होती है।
- जब तक जरूरत होगी सर्विस देने को कहा जा सकता है, ऐसा नहीं होता है कि आप रिटायर होने तक जॉब में रहेंगे।
क्या होती है ड्यूटी?
टेरिटोरियल आर्मी नियमित सेना का हिस्सा है और इसकी फिलहाल भूमिका नियमित सेना को रेगुलर कर्तव्यों से मुक्त करना और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने और उन स्थितियों में जरूरी सेवाओं के रखरखाव में नागरिक प्रशासन की सहायता करना है। यह उन हालातों में अहम रोल निभाती है जहां कोई प्राकृतिक या किसी तरह की आपदा की वजह से लोग परेशानी में होते हैं, साथ ही या फिर देश की सुरक्षा खतरे में हो तो भी यह अहम भूमिका निभाते हैं।
धोनी और सचिन पायलट हिस्सा
- क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी भारतीय टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं।
- उन्हें 2011 में इस सम्मान से सम्मानित किया गया था और वो यह गौरव पाने वाले पहले क्रिकेटर बने थे।
- उन्होंने पैराशूट रेजिमेंट के साथ बुनियादी ट्रेनिंग भी पूरा की और एक योग्य पैराट्रूपर हैं।
6 सितंबर 2012 को, सचिन पायलट अपने पिता के नक्शेकदम पर चलने की सशस्त्र बलों में जाने की इच्छा को पूरा करते हुए, प्रादेशिक सेना में एक अधिकारी के रूप में नियुक्त होने वाले भारत के पहले केंद्रीय मंत्री बने थे। टेरिटोरियल सेना में अधिकारी होने की वजह से उन्हें कैप्टन पायलट के नाम से जाना जाता है। सचिन पायलट और महेंद्र सिंह धोनी के साथ-साथ अनुराग ठाकुर, कपिल देव समेत कई दिग्गज टेरिटोरियल आर्मी का हिस्सा हैं।
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