नीलामी की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से ऑनलाइन की जाएगी। इच्छुक बोलीदाता 15 मई 2025 से सुबह 11 बजे से निविदा दस्तावेज ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं और 12 जून 2025 को शाम 4 बजे तक बोली जमा कर सकते हैं। सभी जानकारी पटना जिला की आधिकारिक वेबसाइट patna.nic.in पर उपलब्ध है।
पटना। बिहार में बालू खनन की प्रक्रिया को पारदर्शी और अवैध खनन पर लगाम लगाने के उद्देश्य से पटना जिले के 148 बालू घाटों की अगले 5 साल के लिए ई-नीलामी शुरू कर दी गई है। पटना खनन एवं भूतत्व विभाग ने गंगा, सोन, पुनपुन और दरधा नदियों के इन घाटों की नीलामी के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। ई-नीलामी की प्रक्रिया 15 मई 2025 से शुरू होगी, और सफल बोलीदाताओं को नवंबर 2025 से खनन शुरू करने की अनुमति मिल जाएगी। पटना जिला प्रशासन का कहना है कि इस नीलामी का मुख्य उद्देश्य अवैध बालू खनन को रोकना है, जो लंबे समय से एक बड़ी समस्या रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2023 में अवैध खनन के खिलाफ की गई छापेमारी में 414 वाहन जब्त किए गए और 48 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना वसूला गया। लेकिन इसके बावजूद अवैध खनन जारी रहा। इस नई ई-नीलामी प्रक्रिया से अवैध खनन पर प्रभावी रोक लगाने की उम्मीद की जा रही है। प्रशासन ने 148 बालू घाटों को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटा है, ताकि छोटे निवेशक भी बोली में हिस्सा ले सकें। पहले बड़े ठेकेदार ही नीलामी में हावी रहते थे, लेकिन इस बार छोटे व्यवसायियों को भी मौका मिलेगा। प्रशासन ने बताया कि सभी घाटों को पर्यावरणीय मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। नीलामी की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से ऑनलाइन की जाएगी।
15 मई 2025 से सुबह 11 बजे से निविदा दस्तावेज ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं
इच्छुक बोलीदाता 15 मई 2025 से सुबह 11 बजे से निविदा दस्तावेज ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं और 12 जून 2025 को शाम 4 बजे तक बोली जमा कर सकते हैं। सभी जानकारी पटना जिला की आधिकारिक वेबसाइट patna.nic.in पर उपलब्ध है। अवैध खनन पर रोक लगने से जहां पर्यावरण को सुरक्षित रखा जाएगा, वहीं सरकारी राजस्व में भी वृद्धि होगी। पहले अवैध खनन के कारण सरकार को भारी राजस्व नुकसान होता था, लेकिन इस नई नीलामी प्रक्रिया से इस नुकसान की भरपाई होने की उम्मीद है। बिहार सरकार ने 2024 में अवैध खनन रोकने के लिए नए नियम बनाए थे, जिसमें पहली बार अवैध खनन करते पकड़े जाने पर 5 लाख रुपये का जुर्माना और दूसरी बार में 10 लाख रुपये का जुर्माना तय किया गया है। बार-बार नियम तोड़ने पर लाइसेंस रद्द करने का भी प्रावधान है।
माफिया का दबदबा
छोटे निवेशक परेशान सूत्रों के अनुसार, बालू माफिया ज्यादा से ज्यादा घाटों की बोली लगाने की तैयारी में हैं। वे ऊंची बोली लगाकर छोटे निवेशकों को इस प्रक्रिया से बाहर करने की कोशिश कर रहे हैं। इसका सीधा असर यह होगा कि केवल बड़े निवेशक और माफिया ही घाटों पर नियंत्रण पा सकेंगे। बालू माफिया की सक्रियता के चलते छोटे निवेशक खुद को ई-नीलामी प्रक्रिया में असहाय महसूस कर रहे हैं। कई छोटे निवेशकों ने आरोप लगाया है कि माफिया बड़े पैमाने पर पैसे का खेल कर रहे हैं और उन्हें नीलामी से बाहर कर रहे हैं।
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