पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक महत्वपूर्ण आतंकवादी ऑपरेशन के दौरान लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के शीर्ष कमांडर सैफुल्लाह को सुरक्षा बलों ने मार गिराया। सैफुल्लाह, जिनका असली नाम रज़ाउल्लाह निज़ामी है और जिन्हें अबू सैइउल्लाह के नाम से भी जाना जाता है, भारत में 2001 के CRPF कैंप हमले, 2006 के RSS मुख्यालय हमले और 2005 के बेंगलुरु हमले जैसे प्रमुख आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड था। इन हमलों में कई निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। उनकी मौत भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, क्योंकि वह कई वर्षों से आतंकवादी गतिविधियों में सक्रिय थे।
सैफुल्लाह की पहचान और आतंकवादी गतिविधियाँ
- असली नाम और उपनाम: रज़ाउल्लाह निज़ामी, जिसे अबू सैइउल्लाह के नाम से भी जाना जाता है।
- भूमिका: सैफुल्लाह लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर थे और पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सक्रिय थे।
- भारत में हमले: उनके द्वारा आयोजित प्रमुख आतंकी हमलों में 2001 का CRPF कैंप हमला, 2006 का RSS मुख्यालय हमला और 2005 का बेंगलुरु हमला शामिल हैं
आतंकियों को पालने वाले पाकिस्तान में ही एक के बाद एक आतंकियों की हत्या की जा रही है। अब रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि लश्कर-ए-तैयबा के एक और टॉप कमांडर की पाकिस्तान में अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी है। दावा किया जा रहा है कि लश्कर-ए-तैयबा और जमात नेता रजुल्लाह निजामनी उर्फ अबू सैफुल्लाह को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में मतली फालकारा चौक इलाके में मार दिया गया है। कहा जा रहा है कि यहां अज्ञात हमलावरों ने दिन दहाड़े लश्कर के कमांडर को गोलियों से छलनी कर दिया।
रजुल्लाह निजामनी उर्फ अबू सैफुल्लाह भारत में कई हाई-प्रोफाइल आतंकी हमलों का मास्टरमांइड बताया जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सैफुल्लाह बीते कई सालों से नेपाल में फर्जी नाम से रहकर लश्कर के कामों को ऑपरेट कर रहा था। उसने नेपाल में विनोद कुमार नाम रखकर नगमा बानू नाम की महिला से शादी भी की।
सैफुल्लाह को 2006 में नागपुर में आरएसएस मुख्यालय पर हुए हमले का मुख्य आरोपी बताया जाता है। इससे अलावा, उसे रामपुर में सीआरपीएफ कैंप पर हमले और 2005 में भारतीय विज्ञान कांग्रेस बेंगलुरू में हमले का भी साजिशकर्ता बताया जाता है। दावा किया जा रहा है कि सैफुल्लाह लश्कर के ऑपरेशनल कमांडर आजम चीमा का सहयोगी था।