Free School Admission: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम की है। विद्या के अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत अब तक 1.26 लाख से अधिक गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को राज्य के निजी विद्यालयों में मुफ्त दाखिला दिलाया गया है।
यह कदम न सिर्फ़ विद्या को हर घर तक पहुंचाने की दिशा में मील का पत्थर है, बल्कि इससे हज़ारों कुटुंबो को आत्मनिर्भरता और सामाजिक सम्मान भी प्राप्त हुआ है।
68% सीटों पर दाखिला, शिक्षा में बदलाव की तस्वीर
Free School Admission: बेसिक विद्या विभाग के मुताबिक, प्रदेश में RTE के अंतर्गत कुल 1,85,675 सीटें आवंटित की गई थीं, जिनमें से 68 प्रतिशत यानी 1.26 लाख सीटों पर दाखिला हो चुका है।
यह दिखाता है कि सरकार की यह योजना सिर्फ़ नीति स्तर तक सीमित नहीं रही, बल्कि जमीनी स्तर पर साकारात्मक प्रभाव डाल रही है।
चार चरणों में पारदर्शी प्रक्रिया
यह पूरा अभियान चार पारदर्शी चरणों में चला:
- 3.34 लाख आवेदन प्राप्त
- 2.52 लाख आवेदन स्वीकृत
- 1.85 लाख बच्चों को निजी विद्यालय आवंटित
- 1.26 लाख बच्चों का दाखिला पूरा

बस्ती, ललितपुर और फिरोजाबाद ने रच दिया कीर्तिमान
इस योजना में सबसे अच्छा प्रदर्शन बस्ती जिले का रहा, जहां 94% सीटें भर गईं।
ललितपुर और फिरोजाबाद में यह आंकड़ा 93% रहा।
इसके अलावा बलरामपुर, श्रावस्ती, हरदोई, एटा, देवरिया और जौनपुर जैसे जिलों में भी 88-92% तक दाखिले हुए।

शिक्षा मंत्री ने जताया संतोष
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा,
“यह केवल आंकड़े नहीं हैं, बल्कि उन गरीब कुटुंबो की उम्मीदें हैं, जो अब अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर या अफसर बनते देख सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी बच्चा सामाजिक या आर्थिक कारणों से विद्या से वंचित न रह जाए।
क्या है शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE)?
RTE Act, 2009 के तहत 6 से 14 साल तक के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य विद्या देने का प्रावधान है।
इस कानून के मुताबिक, निजी विद्यालयों को अपनी 25% सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और वंचित समूह (DG) के बच्चों के लिए आरक्षित रखनी होती हैं।