दोनों परियोजना में खर्च हुआ था 4427 करोड़
संगारेड्डी। पिछली बीआरएस सरकार ने 2022 में संगमेश्वर और बसवेश्वर लिफ्ट सिंचाई परियोजना की नींव रखी थी, जिसका उद्देश्य संगारेड्डी जिले में कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना (केएलआईपी) के माध्यम से गोदावरी जल की आपूर्ति करके 3.90 लाख एकड़ भूमि को खेती के अंतर्गत लाना था। दोनों परियोजनाओं का संयुक्त परिव्यय 4,427 करोड़ रुपये था।
कांग्रेस सरकार ने दोनों परियोजना को लंबित रखा
कांग्रेस सरकार ने दोनों परियोजनाओं को लंबित रखा है, जिससे लाखों किसानों की उम्मीदें धराशायी हो गई हैं। चूंकि मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी शुक्रवार को कई कार्यक्रमों में भाग लेने के अलावा शहर में एक रेल ओवर ब्रिज का उद्घाटन करने के लिए जहीराबाद पहुंचने वाले हैं, इसलिए जिले के किसान इन दो लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं पर मुख्यमंत्री से सकारात्मक बयान की उम्मीद कर रहे हैं। कांग्रेस विधायकों और अन्य नेताओं द्वारा जनता के दबाव के कारण मुख्यमंत्री से बयान देने पर जोर दिए जाने की उम्मीद है।
परियोजना पर सीएम के बयान की उम्मीद
इसके अलावा जिले के लोगों को मेट्रो रेल सेवा का विस्तार संगारेड्डी शहर तक करने पर भी बयान की उम्मीद है। बीआरएस सरकार ने पटनचेरु मंडल के इस्नापुर तक मेट्रो सेवा के विस्तार की घोषणा की थी। हालांकि, जिले के लोग सेवा का विस्तार संगारेड्डी शहर तक करने की मांग कर रहे थे जो इस्नापुर से सिर्फ 15 किलोमीटर दूर है। इसके अलावा, सांसद, विधायक, एमएलसी और अन्य लोग भी नगर पालिकाओं में सड़कों और नालियों के विकास के लिए विशेष निधि आवंटन की उम्मीद कर रहे हैं।
बीआरएस और कांग्रेस में हमेशा रहती है टकराव की स्थिति
बीआरएस तेलंगाना की प्रमुख पार्टी है। राज्य के गठन के साथ ही पार्टी ने 10 वर्षों तक सत्ता में रहकर तेलंगाना के विकास के लिए अहम भूमिका निभाई जिसकी चर्चा विदेशों तक है। 10 वर्षों में पार्टी ने जो कुछ किया वह सबके सामने हैं। नए राज्य में 10 वर्षों तक शासन कर विकास कार्य करना चुनौती रहती है। वहीं कांग्रेस 10 वर्षों के बाद सत्ता में आयी है। यही वजह है कि बीआरएस और कांग्रेस में हमेशा टकराव की स्थिति बनी रहती है।