योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के सभी 75 जिलों में सिविल डिफेंस यूनिट्स के गठन का निर्णय लिया है। यह कदम आपदा प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उठाया गया है।
सिविल डिफेंस यूनिट्स का गठन:
1962 के बाद पहली बार उत्तर प्रदेश में सभी जिलों में सिविल डिफेंस यूनिट्स स्थापित की जा रही हैं। यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, और राज्यपाल द्वारा इसकी अधिसूचना जारी की गई है।
प्रत्येक जिले में ये यूनिट्स जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) के नियंत्रण में काम करेंगी, और आपदा प्रबंधन, नागरिकों की सुरक्षा, और संकटकाल में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार रहेंगी।
उद्देश्य और कार्य:
इन यूनिट्स का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं (जैसे बाढ़, भूकंप) और अन्य संकटों (जैसे आतंकी हमले) से निपटने के लिए नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
स्वयंसेवकों की नियुक्ति और प्रशिक्षण पर जोर दिया जाएगा, जिसमें मॉक ड्रिल के माध्यम से हवाई हमले, बम विस्फोट आदि से सुरक्षा की जानकारी दी जाएगी।
पदों का सृजन:
प्रत्येक जिले में सिविल डिफेंस यूनिट्स के लिए विभिन्न पद सृजित किए जाएंगे, जैसे उपनियंत्रक (वरिष्ठ उप समाहर्ता स्तर), लिपिक, कार्यपालक सहायक, और डाटा एंट्री ऑपरेटर। कुछ पद संविदा पर होंगे।
पहल का महत्व:
यह कदम 2024 में हुई भगदड़ जैसी घटनाओं को रोकने के लिए उठाए गए उपायों का हिस्सा है। इसके तहत जिला, रेंज, और जोन स्तर पर एकीकृत सिस्टम विकसित किया जाएगा, जिसमें डीएम, सीएमओ, सिविल डिफेंस, फायर ब्रिगेड, और स्थानीय पुलिस के साथ स्वयंसेवी संगठन शामिल होंगे।
इससे पहले बिहार में गठित हुयी इस प्रकार की कमेटी
बिहार में भी इसी तरह की पहल शुरू की गई थी, जहां 24 जिलों में सिविल डिफेंस यूनिट्स गठित करने का निर्णय लिया गया था, जिसे उत्तर प्रदेश के मॉडल के लिए प्रेरणा माना जा सकता है।
यह जानकारी मुख्य रूप से हाल के समाचारों और सोशल मीडिया पोस्ट्स पर आधारित है। यदि आप किसी विशिष्ट जिले या पहल के बारे में और विस्तार चाहते हैं, तो कृपया बताएं