iPhone export India: भारत ने अप्रैल 2025 में अमेरिका को अभिलेख 30 लाख iPhones एक्सपोर्ट कर इतिहास रच दिया है। ओमडिया रिसर्च फर्म की प्रतिवेदन के मुताबिक, इस दौरान भारत से अमेरिका को किए गए iPhone निर्यात (Export) में 76% की जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की गई।
वहीं दूसरी ओर, चीन से अमेरिका को iPhone शिपमेंट में 76% की गिरावट आई और आंकड़ा घटकर केवल 9 लाख यूनिट्स पर आ गया। यह पहला मौका है जब अमेरिका में iPhone सप्लाई में भारत ने चीन से बेहतर प्रदर्शन किया है।
क्यों बढ़ी भारत से iPhone की मांग?
iPhone export India: इस बदलाव के पीछे कई बड़े कारण हैं, जिनमें प्रमुख है अमेरिका द्वारा चीन से आयात पर लगाए गए ऊंचे शुल्क। अप्रैल में अमेरिका ने चीन में बने iPhones पर 30% शुल्क लगाया, जबकि भारत जैसे देशों से आयात पर केवल 10%। इस 20% अंतर ने Apple को भारत की ओर शिफ्ट करने को मजबूर किया।
भारत में श्रम लागत कम है, मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी सपोर्टिव हैं और सरकार की PLI स्कीम जैसे इंसेंटिव्स भी हैं। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन जैसी कंपनियां भारत में iPhone असेंबल कर रही हैं।

Apple के लिए भारत क्यों बना अहम?
Apple CEO टिम कुक पहले ही संकेत दे चुके हैं कि अमेरिका में बिकने वाले अधिकांश iPhone अब भारत में बने होंगे। यह कदम न केवल Apple के लिए लागत घटाने वाला है, बल्कि हिंदुस्तान को वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में बड़ी उपलब्धि है।
हिंदुस्तान की तेजी से विकसित हो रही सप्लाई चेन और स्किल्ड लेबर इसे Apple के लिए दीर्घकालिक साझेदार बना रही है।
क्या भारत अमेरिका की पूरी iPhone मांग पूरा कर पाएगा?
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि हिंदुस्तान की प्रस्तुत मैन्युफैक्चरिंग क्षमता अमेरिका में हर तिमाही होने वाली करीब 2 करोड़ iPhones की मांग को फिलहाल पूरा नहीं कर सकती। यह लक्ष्य हिंदुस्तान 2026 तक ही हासिल कर सकता है।
लेकिन मौजूदा आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि भारत सही दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।