“कानून तोड़ने पर 10 बार नहीं, 100 बार भी तोड़ेंगे”
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क सुरक्षा को लेकर अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता जाहिर की है। उनका मानना है कि यदि लोगों को सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने के लिए बार-बार सख्त कदम उठाने पड़ें, तो वे ऐसा करेंगे। आइए जानते हैं उनके दृष्टिकोण और प्रयासों के बारे में।
नितिन गडकरी ने शुक्रवार को अपनी किताब संघतिल मानवी व्यवस्थापन का विमोचन किया. इस दौरान उन्होंने याद किया कि कैसे 11 साल पहले ई-रिक्शा को शुरू करने के लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी थी और सोच लिया था कि ई-रिक्शा शुरू करने के लिए 1 बार नहीं 10 बार भी कानून तोड़ना पड़े तो वो तोड़ेंगे.
सड़क हादसों में बढ़ती मौतों पर चिंता
गडकरी ने संसद में कहा कि सड़क हादसों में हर साल 1.68 लाख से अधिक मौतें होती हैं, जिनमें से अधिकांश युवा होते हैं। उन्होंने बताया कि यह संख्या युद्ध, कोविड या दंगों में होने वाली मौतों से भी अधिक है। उनका मानना है कि यह स्थिति समाज में कानून के प्रति सम्मान और भय की कमी के कारण है ।
सख्त कानून और जुर्माने की आवश्यकता
2019 में मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन कर जुर्माने की राशि 10 गुना तक बढ़ा दी गई थी। गडकरी का कहना है कि यह कदम लोगों में डर पैदा करने के लिए नहीं, बल्कि उनकी जान बचाने के लिए उठाया गया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि ओडिशा में एक ऑटो रिक्शा चालक को शराब पीकर वाहन चलाने पर जुर्माना लगाया गया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सख्त कानून की आवश्यकता है ।
समाज में जागरूकता और शिक्षा की आवश्यकता
गडकरी का मानना है कि केवल सख्त कानून से सड़क हादसों में कमी नहीं लाई जा सकती। इसके लिए लोगों में जागरूकता और शिक्षा की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बस और ट्रक चालकों को प्रशिक्षित करना और लोगों को सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूक करना आवश्यक है ।
सड़क सुरक्षा के लिए सरकार के प्रयास
सरकार ने सड़क सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें सड़क इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, कानून का पालन और लोगों की शिक्षा शामिल हैं। गडकरी ने कहा कि सरकार ने ब्लैक स्पॉट्स पर 40,000 करोड़ रुपये खर्च करने का निर्णय लिया है, जिससे दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके ।
गडकरी का संदेश
गडकरी का स्पष्ट संदेश है कि सड़क सुरक्षा केवल कानून के पालन से नहीं, बल्कि समाज के हर सदस्य की जागरूकता और जिम्मेदारी से संभव है। उनका कहना है, “हमारी सड़कों पर पांच लाख हादसे होते हैं और 1.5 लाख जानें जाती हैं। मृतकों में से 65 प्रतिशत की उम्र 18-35 साल होती है। क्या हमें ऐसी जानें नहीं बचानी चाहिए?”
नितिन गडकरी की सड़क सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता स्पष्ट है। उनका मानना है कि यदि लोगों को सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने के लिए बार-बार सख्त कदम उठाने पड़ें, तो वे ऐसा करेंगे। इसके लिए समाज में जागरूकता, शिक्षा और सख्त कानून की आवश्यकता है। केवल सरकार के प्रयासों से सड़क हादसों में कमी नहीं लाई जा सकती, इसके लिए समाज के हर सदस्य की जिम्मेदारी बनती है।