सज गई अयोध्या नगरी, दूसरी प्राण-प्रतिष्ठा शुरू, राजा राम होंगे विराजमान
राम मंदिर के पहले तल पर स्थित राम दरबार में भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। यह समारोह मंदिर के आंतरिक परिसर में आयोजित होगा, जिसमें 101 आचार्य और साधु-संत शामिल होंगे।
आठ देवालयों में 12 घंटे का अनुष्ठान
राम मंदिर परिसर के आठ अन्य देवालयों में भी प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान शुरू हो गए हैं। यह पूजा विधियाँ शुभ मुहूर्त में प्रारंभ हुईं, जिसमें मूर्तियों के शुद्धिकरण की प्रक्रिया भी शामिल है। पूजा 12 घंटे तक चलेगी, और इसमें विजय मंत्रों का संकीर्तन किया जाएगा।
राम मंदिर में तीन जून को सुबह 6:30 बजे से दूसरे प्राण प्रतिष्ठा समारोह की शुरुआत हो गई है. यह समारोह तीन जून से लेकर 5 जून तक चलेगा. इस दौरान राम जन्मभूमि के पहले तल पर राम दरबार, परकोटा के 6 मंदिर शिवलिंग, गणपति, हनुमान, सूर्य, भगवती और अन्नपूर्णा साथ में शेषावतार मंदिर, इन 8 मंदिर में देव विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा होगी. इसके लिए राम मंदिर को सुंदर रोशनी से सजाया गया है।
बता दें कि साल 2024 में 22 जनवरी को भगवान श्रीराम बालक स्वरूप में स्थापित किए गए थे. अब दूसरी प्राण-प्रतिष्ठा में भगवान राम राजा के रूप में स्थापित किए जाएंगे. राम मंदिर के पहले तल पर राजा राम का दरबार होगा. इस दरबार में भगवान राम उनके अनुज लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, माता जानकी और सेवक हनुमान होंगे।
अयोध्या राम नगरी में उमड़ा आस्था का सैलाब
राम दरबार की स्थापना पर दूर-दराज से अयोध्या पहुंच रहे हैं श्रद्धालु. श्रद्धालुओं में बालक राम के बाद राजा राम की स्थापना को लेकर है उत्साह. राम मंदिर के प्रथम तल पर आज चल रहा है प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन. सुबह 6:30 शुरू हुआ है राम दरबार समेत पर कोटा के 6 मंदिर समेत शेषावतार मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का दौर।
108 वैदिक देश के अलग-अलग धार्मिक स्थलों के कर रहे हैं धार्मिक पूजन. मुख्य आचार्य जयप्रकाश कर रहे हैं प्राण प्रतिष्ठा का पूजन.राम मंदिर परिसर में शुरू हुआ राम दरबार समेत परकोटे के मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा का महोत्सव. सुबह 6:30 बजे शुरू हुआ धार्मिक अनुष्ठान का दौर।
कल प्रायश्चित पूजन के साथ कलश यात्रा का हुआ था आगाज. आज गणेश पूजन के साथ शुरू हुआ राम दरबार के प्राण प्रतिष्ठा का महोत्सव. देशभर के धार्मिक स्थलों से 108 वैदिक विद्वान करा रहे हैं प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का कार्यक्रम संपन्न।
काशी के प्रकांड विद्वान जयप्रकाश है मुख्य आचार्य. गणेश पूजन के साथ देश के कल्याण की मनोकामना का लिया गया संकल्प. पुण्यार्जन, दुर्गा पूजन, नांदी श्राद्ध और पंचांग कर्म के साथ आज की जाएगी अग्नि की स्थापना. सभी मूर्तियों का आज होगा जलाधिवास।