UPSC Preparation: यूपीएससी परीक्षा भारत की सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक है। इस इम्तिहान की प्रबंध में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) भी विद्यार्थियों के लिए कारगर टूल बनता जा रहा है। एआई न केवल मॉक टेस्ट और प्रैक्टिस क्वेश्चन चेक करता है, बल्कि उत्तर समीक्षा और पर्सनलाइज्ड गाइडेंस भी देता है।
एआई कैसे कर रहा यूपीएससी छात्रों की मदद?
सलोनी खन्ना, जो यूपीएससी एस्पिरेंट्स के इंटरव्यू लेती हैं, ने न्यूज़ में कहा कि अब विद्यार्थि अपने उत्तर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से चेक करवाते हैं। वे यह समझना चाहते हैं कि उनके जवाब सही हैं या नहीं।
एआई की मदद से क्या संभव है?
- उत्तरों का मूल्यांकन
- पर्सनल फीडबैक
- सिलेबस कवर प्लान
- एथिक्स और निबंध में सुधार सुझाव
हालांकि, सलोनी का मानना है कि यूपीएससी की तैयारी डायनमिक होती है, इसलिए केवल एआई पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। गाइडेड लर्निंग और फैकल्टी इंटरव्यू भी उतने ही जरूरी हैं।
यूपीएससी में महिलाओं को आरक्षण की ज़रूरत?
UPSC Preparation: सलोनी खन्ना ने महिलाओं के लिए UPSC में आरक्षण की वकालत करते हुए कहा कि कई महिलाएं IAS बनती हैं, लेकिन केवल 30% को डीएम की पोस्टिंग मिलती है। यह सोच में असमानता को दर्शाता है।

उनके विचारों की मुख्य बातें:
- आरक्षण स्थायी समाधान नहीं, लेकिन जब तक लैंगिक समानता नहीं आती, तब तक जरूरी है।
- यह कोटा सीमित अवधि के लिए लागू किया जा सकता है।
- इससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।
शिक्षा नीति पर भी हुई अहम चर्चा
इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, Innov8 के डॉ. रितेश मलिक, अड्डा247 के अनिल नागर समेत कई विशेषज्ञों ने भाग लिया। उन्होंने काहे कि नई शिक्षा नीति कैसे विद्यार्थियों का भविष्य बदल सकती है।