जयपुर। देश में लगाए गए आपातकाल (Emergency) के 50 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित संविधान हत्या दिवस-2025 चित्तौड़गढ़ (Chittaurgarh) में गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। श्री बेढ़म ने इस अवसर पर इमरजेंसी में जेल जाने एवं इमरजेंसी के साक्षी रहे 19 लोकतंत्र सेनानियों को शॉल एवं ऊपरना ओढ़ा कर सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया।
पूर्व 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगाया गया था : गृह राज्य मंत्री
गृह राज्य मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि आज ही के दिन 50 वर्ष पूर्व 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगाया गया था। इस दिन को याद करने का उद्देश्य तत्कालीन सरकार का संविधान विरोधी कार्य करते हुए असंवैधानिक रूप से लगाए गए आपातकाल के बारे में युवा और भावी पीढ़ी को बताना है। उन्होंने कहा कि संविधान में यह प्रावधान है कि देश में विपरीत परिस्थितियों एवं आंतरिक खतरा होने पर ही आपातकाल लगाया जाता है लेकिन उसे समय ऐसा नहीं था।
चित्तौड़गढ़ की धरती अत्याचार के खिलाफ लड़ने वाली धरती
उन्होंने बताया कि उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने व्यक्तिगत कारणों से आपातकाल लगाया था। उन्होंने कहा कि चित्तौड़गढ़ की धरती अत्याचार के खिलाफ लड़ने वाली धरती रही है और यहां लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान समारोह यादगार रहा रहेगा।
19 लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित किया
गृह राज्य मंत्री ने इस अवसर पर 19 लोकतंत्र सेनानियों को शॉल ओढ़ा एवं माल्यार्पण कर सम्मानित किया। उन्होंने आयोजित भोज में लोकतंत्र सेनानियों को भोजन भी करवाया। समारोह मे जिला कलक्टर आलोक रंजन ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इसके साथ ही आपातकाल के दौरान यातनाएं भुगतने एवं जेल में रहने वाले लोकतंत्र सेनानियों ने अपने अनुभव भी साझा किये।
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