Trade Deal अमेरिका‑चीन ने किया करार, ट्रम्प ने की घोषणा करार क्या है?
अमेरिका और चीन ने एक Trade Deal पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसकी घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने की है। यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार विवादों को सुलझाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
ट्रम्प ने क्या कहा?
- ट्रम्प ने बताया, “We just signed with China yesterday”, लेकिन उन्होंने करार की तकनीकी डिटेल्स साझा नहीं कीं।
- उन्होंने rare earths (दुर्लभ मृदा पदार्थ) की आपूर्ति और शुल्क घटाने की संभावित व्यवस्थाओं का उल्लेख किया ।
- ट्रम्प ने यह भी कहा कि यह सिर्फ चीन ही नहीं, बल्कि India समेत अन्य 10 देशों के साथ भी समझौते किए जा सकते हैं ।

समझौते की मुख्य बातें
- Rare earths export: चीन ने अमेरिका को rare earths निर्यात बढ़ाने का आश्वासन दिया।
- Tariff truce: अमेरिका और चीन ने आपसी टैरिफ संघर्ष में नरमी लाने का निर्णय लिया, जिसमें 90‑दिन की अवधि के लिए शुल्कों में सहमति हुई।
- विसा और शिक्षा: अमेरिका ने घोषणा की है कि वह चीनी छात्रों के वीजा मुद्दों को भी समझौते में शामिल कर सकता है ।
इसके बाद क्या होगा?
- चीन rare earths के निर्यात के अनुमोदन में गति लाएगा और अमेरिका कुछ countermeasures को हटाएगा।
- अमेरिका अन्य 10 देशों के साथ भी इसी तरह के Trade Deal की तैयारी में है।
- यह समझौता उत्पादन तथा प्रौद्योगिकी क्षेत्रों को नई राह देगा और वैश्विक सप्लाई चेन में बदलाव ला सकता है।

क्यों है यह अहम?
- Rare earths: ये सामग्री इलेक्ट्रॉनिक, रक्षा और ऑटोमोबाइल उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- Trade stability: लंबे विवादों के बाद व्यापार में स्थिरता लौट सकती है।
- Global ripple effect: इससे बाजारों में विश्वास आएगा, और दूसरे देशों को भी फायदा पहुंच सकता है।
Trade Deal अमेरिका‑चीन के बीच एक बड़ी और सामरिक पहल है जो दोनों देशों के आर्थिक हितों को साधने साथ-साथ वैश्विक व्यापार के संतुलन को पुनर्स्थापित कर सकती है।
अब यह देखना है कि समझौते को व्यवहारिक रूप से लागू करने में कितनी सफलता मिलती है।