बीमार व्यक्तियों को कम से कम समय में पहुंचा सकती है अस्पताल
संगारेड्डी। भारतीय शहरों में ट्रैफिक जाम में एम्बुलेंस का फंसना जल्द ही अतीत की बात हो जाएगी, क्योंकि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-हैदराबाद (IIT-H) के अन्वेषकों ने एक एयर एम्बुलेंस विकसित की है, जो सड़क दुर्घटना के पीड़ितों और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को कम से कम समय में अस्पताल पहुंचा सकती है। आईआईटी-एच में टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब ऑन ऑटोनॉमस नेविगेशन फाउंडेशन (TIHAN) ने अब एक भारी पेलोड ड्रोन विकसित किया है जिसका उपयोग एम्बुलेंस के रूप में किया जा सकता है। एम्बुलेंस एक स्वायत्त वाहन होगा जो बिना किसी मानवीय सहायता के एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंच सकेगा। यह 200 किलोग्राम तक का भार ले जा सकता है। इसका उपयोग हवाई मालवाहक वाहन और महानगरों में हवाई टैक्सी के रूप में भी किया जा सकता है।
बहुउपयोगी साबित हो सकता है ड्रोन
ड्रोन का उपयोग बाढ़, अग्नि दुर्घटनाओं और यहां तक कि युद्ध के दौरान, प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बचाव, कार्यों में भी किया जा सकता है। इनोवेटर्स ने ड्रोन का नाम पल्यंका रखा है, जो संस्कृत शब्द है और पालकी का पर्याय है। हब के कार्यकारी अधिकारी डॉ. संतोष रेड्डी ने बताया कि चूँकि प्राचीन काल में पल्यंका का इस्तेमाल रानियों को ले जाने के लिए किया जाता था, इसलिए उन्होंने संस्कृत से एक ऐसा नाम चुना जो प्राचीन भारतीय संस्कृति को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि तिहान के तकनीकी अधिकारी डॉ. श्याम नारायण ने यह नाम सुझाया था। सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों या गंभीर रूप से बीमार लोगों को समय पर स्थानांतरित करना जीवन बचाने के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए तिहाण-आईआईटी-एच के अन्वेषकों ने भारी पेलोड वाले ड्रोन विकसित करने का निर्णय लिया, जिनका उपयोग एम्बुलेंस के रूप में किया जा सकता है।
पहाड़ी इलाकों में भी उपयोगी
डॉ. संतोष रेड्डी ने कहा कि ये ड्रोन पहाड़ी इलाकों में भी उपयोगी हो सकते हैं जहाँ सड़कें न होने के कारण आवाजाही मुश्किल होती है। उन्होंने कहा कि बाढ़, आग प्रभावित क्षेत्रों या दूरदराज के इलाकों में फंसे लोगों को ड्रोन की मदद से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वे जरूरतमंद लोगों को सहायता पहुंचाने के लिए इसे पहाड़ी इलाकों में पायलट परियोजना के रूप में शुरू करने के लिए तैयार हैं।

आईआईटी हैदराबाद किस लिए प्रसिद्ध है?
IIT हैदराबाद उन्नत तकनीकी शिक्षा, नवाचार और शोध के लिए प्रसिद्ध है। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा साइंस, रोबोटिक्स, नैनोटेक्नोलॉजी और 5G रिसर्च में अग्रणी है। इसकी विश्व स्तरीय लैब्स, फैकल्टी और उद्योगों के साथ जुड़ाव इसे विशेष बनाते हैं।
आईआईटी कॉलेज का मालिक कौन है?
IIT कॉलेज भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय (अब शिक्षा मंत्रालय) के अंतर्गत सार्वजनिक संस्थान होते हैं। इनका कोई निजी मालिक नहीं होता। ये स्वायत्त संस्थाएं हैं, जिन्हें केंद्र सरकार निधि देती है और संसद द्वारा स्थापित अधिनियम के तहत संचालित किया जाता है।
आईआईटी हैदराबाद में प्लेसमेंट कैसे होता है?
IIT हैदराबाद में प्लेसमेंट की प्रक्रिया कैंपस ड्राइव के रूप में होती है, जहां विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां आती हैं। छात्र रजिस्ट्रेशन, टेस्ट, इंटरव्यू और प्रेजेंटेशन के माध्यम से चयनित होते हैं। टॉप कंपनियों में Google, Microsoft, Amazon जैसी नामी कंपनियाँ शामिल होती हैं।
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