भोपाल, 26 जुलाई 2025: कारगिल विजय दिवस (Kargil Victory Day) के 26वें अवसर पर, जहां पूरा देश अपने वीर सैनिकों के बलिदान और शौर्य को सलाम कर रहा है, वहीं केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा। भोपाल में शौर्य स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद चौहान ने कांग्रेस पर “पाकिस्तान की भाषा बोलने” और “राष्ट्रविरोधी मानसिकता” का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने न केवल कारगिल विजय की गौरव गाथा पर सवाल उठाए, बल्कि हाल की ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को भी कमतर करने की कोशिश की।
चौहान ने तीखे लहजे में कहा, “2004 से 2009 तक यूपीए सरकार के दौरान कारगिल विजय दिवस को मनाया ही नहीं गया। एक कांग्रेस सांसद ने तो यह तक कह दिया कि यह युद्ध NDA सरकार के समय लड़ा गया, तो इसे क्यों मनाएं? क्या युद्ध सरकारों के लिए लड़ा जाता है? यह राष्ट्र की लड़ाई थी, और हमारे सैनिकों ने अपनी जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा की।” उन्होंने आगे कहा, “प्रधानमंत्री का विरोध करते-करते कांग्रेस देश का ही विरोध करने लगी है। उनकी बातें पाकिस्तान के बयानों से मिलती हैं, जो वैश्विक मंचों पर भारत के खिलाफ इस्तेमाल होती हैं।”
कांग्रेस की प्रतिक्रिया और सियासी तकरार
चौहान के इस बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। कांग्रेस ने इस आरोप का जवाब देते हुए कहा कि वह हमेशा से सैनिकों के बलिदान का सम्मान करती रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने X पर लिखा, “कारगिल विजय दिवस पर हम अपने शहीदों को नमन करते हैं। उनकी वीरता और बलिदान पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।” वहीं, राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर कहा, “हमारे सैनिकों ने देश की सीमाओं की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। देश हमेशा उनका ऋणी रहेगा।”
हालांकि, चौहान ने कांग्रेस के इन बयानों को “मगरमच्छ के आंसू” करार दिया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस की नीति रही है कि सत्ता से बाहर होने पर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन सत्ता में रहते हुए सैनिकों और राष्ट्रहित के लिए कुछ नहीं करते।” उन्होंने 1999 के कारगिल युद्ध की याद दिलाते हुए कहा कि कैप्टन विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट मनोज पांडे जैसे वीरों ने बर्फीली चोटियों पर दुश्मन को धूल चटाई थी, लेकिन कांग्रेस ने इस गौरव को हमेशा कमतर करने की कोशिश की।
ऑपरेशन सिंदूर पर भी विवाद
चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “जब हमारी सेना ने ऑपरेशन सिंदूर में आतंकवादियों को सबक सिखाया, तब भी कांग्रेस ने इसकी सफलता पर सवाल उठाए। यह उनकी देशविरोधी मानसिकता को दर्शाता है।” गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले का जवाब देते हुए प्रभावी कार्रवाई की थी।
सियासी पारा गर्म
इस बयान के बाद बीजेपी और कांग्रेस के बीच सियासी तकरार तेज हो गई है। बीजेपी ने चौहान के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस की नीतियां हमेशा से सैनिकों और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति उदासीन रही हैं। वहीं, कांग्रेस ने इसे बीजेपी की “नीच राजनीति” करार दिया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, “बीजेपी कारगिल विजय जैसे पवित्र अवसरों पर भी राजनीति करती है। यह शहीदों का अपमान है।”
कारगिल विजय दिवस का महत्व
कारगिल विजय दिवस 26 जुलाई को 1999 में भारतीय सेना की पाकिस्तानी घुसपैठियों पर जीत की याद में मनाया जाता है। इस युद्ध में 527 भारतीय सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। आज देश भर में शौर्य स्मारकों, सैन्य परेडों और श्रद्धांजलि समारोहों के माध्यम से शहीदों को याद किया गया। भोपाल के शौर्य स्मारक में आयोजित कार्यक्रम में चौहान ने कहा, “हमारे सैनिकों ने दिखाया कि जो भारत माता की ओर आंख उठाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।”
इस सियासी विवाद ने एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा और सैनिकों के सम्मान जैसे संवेदनशील मुद्दों को चर्चा में ला दिया है। सवाल यह है कि क्या कारगिल विजय जैसे गौरवमयी अवसरों को राजनीति से ऊपर रखा जाएगा, या यह सियासी जंग का हिस्सा बनता रहेगा?
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