येल्लमपल्ली जलाशय से 0.15 टीएमसी पानी निकाला
पेड्डापल्ली। सिंचाई अधिकारियों ने रविवार को धर्माराम मंडल में नंदी मेदरम पंप हाउस में मोटर चलाकर येल्लमपल्ली परियोजना से पानी उठाया, ताकि बाढ़ प्रवाह नहर (FFC) परियोजना के तहत धान के खेतों की सिंचाई की जा सके। राज्य सरकार के निर्देश पर कार्य करते हुए अधिकारियों ने येल्लमपल्ली (Yellampalli) जलाशय से 0.15 टीएमसी पानी निकाला।
पाँचवीं मोटर के चालू होने से पानी का उठाव शुरू
सुबह 7.30 बजे पाँचवीं मोटर के चालू होने से पानी का उठाव शुरू हुआ, जिससे 3,150 क्यूसेक पानी नंदी जलाशय में पहुँचाया गया। वहाँ से, दो सुरंगों के ज़रिए उतनी ही मात्रा में पानी रामदुगु मंडल स्थित गायत्री पंप हाउस में पहुँचाया गया। इसके बाद, गायत्री पंप हाउस की छठी मोटर से पानी फ्लड फ्लो नहर में डाला गया। सरकार के निर्देशों के बाद, शाम 5.55 बजे काम रोक दिया गया। सिंचाई उप कार्यकारी अभियंता (डीईई) नरसिंह राव के अनुसार, 10.5 घंटे में कुल 0.15 टीएमसी पानी उठाया गया।

धान की सिंचाई कैसे होती है?
पानी की अधिक आवश्यकता वाली फसल होने के कारण धान की सिंचाई आमतौर पर बाढ़ विधि से की जाती है, जिसमें खेत को पानी से भरकर नमी बनाए रखी जाती है।
सिंचाई किसे कहते हैं?
खेती के लिए आवश्यक जल की आपूर्ति कृत्रिम माध्यमों से करने की प्रक्रिया को सिंचाई कहते हैं, जिससे फसलों की वृद्धि में सहायता मिलती है।
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