कांग्रेस पार्टी का विरोध प्रदर्शन फ्लॉप
हैदराबाद। दिल्ली में पिछड़ा वर्ग आरक्षण पर कांग्रेस पार्टी के विरोध प्रदर्शन को फ्लॉप शो करार देते हुए पूर्व मंत्री और वरिष्ठ विधायक टी हरीश राव ने कहा कि इससे पिछड़ा वर्ग (BC) के प्रति कांग्रेस (Congress) पार्टी की उदासीनता और मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी में जनता के विश्वास की कमी उजागर हुई है । उन्होंने विरोध प्रदर्शन में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की अनुपस्थिति की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि जब विरोध प्रदर्शन राहुल गांधी के कार्यक्रम स्थल के पास हुआ, तब भी उन्होंने इसमें भाग नहीं लिया। खड़गे ने खुलेआम पिछड़ी जातियों की बजाय बिहार को प्राथमिकता दी।‘
विरोधाभासों को किया उजागर
एक बयान में, हरीश राव ने कांग्रेस के विमर्श में विरोधाभासों को उजागर किया। उन्होंने कहा कि रेवंत रेड्डी ने कहा कि 42 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग आरक्षण की मांग सिर्फ़ तेलंगाना तक सीमित है, गुजरात, उत्तर प्रदेश या किसी अन्य राज्य तक नहीं, जबकि राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि यह संघर्ष पूरे देश के लिए है। उन्होंने कहा, ‘यह बेमेल उनकी ईमानदारी के बारे में बहुत कुछ कहता है।’ पूर्व मंत्री ने पार्टी की चयनात्मक सक्रियता का उपहास किया। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने कांग्रेस शासित राज्यों में कभी भी पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की माँग नहीं की।’ उन्होंने कांग्रेस पर तेलंगाना में पिछड़े वर्गों को सिर्फ़ राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि तेलंगाना की जनता कांग्रेस के दोगलेपन को समझ सकती है।
सबिता इंद्रा रेड्डी के साथ खराब व्यवहार के लिए माफी मांगे सीएम : हरीश राव
पूर्व मंत्री और बीआरएस के वरिष्ठ विधायक टी हरीश राव ने वरिष्ठ विधायक और पूर्व गृह मंत्री पी सबिता इंद्रा रेड्डी के साथ कांग्रेस सरकार के दुर्व्यवहार की निंदा करते हुए इसे शर्मनाक और अपमानजनक बताया। उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी, जिनके पास गृह विभाग भी है, बिना शर्त माफ़ी मांगें। महिलाओं के प्रति सरकार के सम्मान पर सवाल उठाते हुए, हरीश राव ने एक महिला विधायक को एक मंत्री की मौजूदगी में, पुलिस की मिलीभगत से, दुर्व्यवहार और उत्पीड़न की अनुमति देने के लिए सत्तारूढ़ दल की आलोचना की।

उन्होंने सबिता इंद्रा रेड्डी के साथ अनुचित व्यवहार और असम्मान दिखाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ विधायक को राशन कार्ड जारी करने में विफलता के लिए सरकार को ज़िम्मेदार ठहराने के कारण निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा कि बीआरएस इस तरह के भीड़ के हमलों से नहीं डरती, और पार्टी कांग्रेस सरकार की नाकामियों को उजागर करती रहेगी।
कांग्रेस की उत्पत्ति कैसे हुई थी?
ब्रिटिश शासन के अंतर्गत 1885 में भारतीय नेताओं और अंग्रेज अधिकारी ए.ओ. ह्यूम की पहल पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठन हुआ। इसका उद्देश्य था देशभर के पढ़े-लिखे भारतीयों को एक मंच पर लाकर ब्रिटिश सरकार से राजनीतिक अधिकारों की मांग करना और जन-जागृति फैलाना।
कांग्रेस ने देश को क्या दिया था?
आज़ादी की लड़ाई में कांग्रेस की भूमिका सबसे बड़ी थी। इसने देश को स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व, संविधान सभा का गठन, लोकतंत्र की स्थापना, पंचवर्षीय योजनाएं, हरित क्रांति, परमाणु नीति, विदेशी नीति और लोकतांत्रिक संस्थानों की नींव जैसे अनेक ऐतिहासिक योगदान दिए।
1969 में कांग्रेस विभाजन के क्या कारण थे?
विभाजन की जड़ थी राष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर मतभेद। इंदिरा गांधी और वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं (सिंडिकेट) में सत्ता और नीति निर्धारण को लेकर टकराव हुआ। इसी के चलते पार्टी दो हिस्सों में बंट गई—कांग्रेस (ओ) यानी संगठन और कांग्रेस (आर) यानी इंदिरा की कांग्रेस।
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