विधि छात्र वडला श्रीकांत द्वारा दायर रिट याचिका पर आया निर्देश
हैदराबाद: तेलंगाना उच्च न्यायालय (Telangana High Court) के न्यायमूर्ति बी विजयसेन रेड्डी ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (GHMC) को स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) और जन्माष्टमी (16 अगस्त) पर गोमांस की दुकानों और बूचड़खानों को बंद करने के अपने हालिया आदेश का आधार स्पष्ट करने का निर्देश दिया। यह निर्देश विधि छात्र वडला श्रीकांत द्वारा दायर रिट याचिका पर आया, जिसका प्रतिनिधित्व अधिवक्ता विजय गोपाल ने किया, जिसमें जीएचएमसी आयुक्त के निर्देश की वैधता को चुनौती दी गई थी।
यह ‘अधिकार का दुरुपयोग’ जैसा
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि जीएचएमसी अधिनियम की धारा 533(बी) के तहत जारी आदेश में कार्रवाई का कोई कारण, वैधानिक समर्थन या स्पष्ट कारण नहीं थे, और यह ‘अधिकार का दुरुपयोग’ जैसा था। यह तर्क दिया गया कि जीएचएमसी द्वारा लागू किया गया प्रावधान आयुक्त को विशिष्ट आधार बताए बिना वैध व्यवसायों को बंद करने का आदेश देने का अधिकार नहीं देता है। याचिकाकर्ता ने कहा कि ऐसे निर्णय वैध और शांतिपूर्ण गतिविधियों में लगे व्यापारियों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं, और वे उन दिनों में परिचालन निलंबित करने के लिए कहे जाने के औचित्य को जानने के हकदार हैं।
आदेश मनमाना, गैरकानूनी
याचिका में आगे आरोप लगाया गया कि यह आदेश मनमाना, गैरकानूनी और संविधान के अनुच्छेद 14 और 19(1)(जी) का उल्लंघन है। न्यायमूर्ति विजयसेन रेड्डी ने जीएचएमसी के जवाब के लिए मामले की सुनवाई 13 अगस्त तक स्थगित कर दी।
क्या भारत से गोमांस निर्यात होता है?
देश से सीधे गाय का मांस निर्यात प्रतिबंधित है, लेकिन भैंस का मांस, जिसे अक्सर “काराबीफ” कहा जाता है, बड़े पैमाने पर निर्यात होता है। भारत विश्व के प्रमुख भैंस मांस निर्यातकों में से एक है, और यह मांस मुख्यतः वियतनाम, मलेशिया, मिस्र और मध्य-पूर्व देशों में भेजा जाता है।
बीफ क्या है?
यह शब्द आमतौर पर गाय या बैल के मांस के लिए इस्तेमाल होता है, लेकिन कई संदर्भों में इसमें भैंस का मांस भी शामिल कर लिया जाता है। बीफ को दुनिया भर में अलग-अलग तरीकों से पकाकर खाया जाता है और यह उच्च प्रोटीन, विटामिन बी12, आयरन तथा जिंक का प्रमुख स्रोत माना जाता है।
गौ मांस को क्या कहते हैं?
गाय या बैल से प्राप्त मांस को हिंदी में “गौ मांस” कहा जाता है और अंग्रेजी में “बीफ” कहा जाता है। भारत में धार्मिक मान्यताओं के कारण गाय का मांस कई राज्यों में वर्जित है, जबकि भैंस के मांस को “काराबीफ” नाम से निर्यात और उपभोग किया जाता है।
Read Also : HC : आबकारी मामले में उच्च न्यायालय ने रेवंत रेड्डी को दी आंशिक राहत