भारी वाहनों को सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक रिजर्व से गुजरने की दी गई अनुमति
मंचेरियल: कवाल टाइगर रिजर्व (Kawal Tiger Reserve) में भारी वाहनों की आवाजाही की अनुमति दे दी गई है। हाल ही में हैदराबाद में आयोजित वन्यजीव बोर्ड की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया। आदेश के अनुसार, भारी वाहनों को सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक रिजर्व से गुजरने की अनुमति दी गई है। 10 टन से अधिक भार वाले भारी वाहनों के मालिकों से 150 रुपये का पर्यावरण शुल्क (environmental fee) लिया जाएगा, जबकि इस हिस्से का उपयोग करने की अनुमति देने पर कार मालिकों से 50 रुपये वसूले जाएँगे।
अभ्यारण्य में भारी वाहनों की आवाजाही पर लगा दिया गया था प्रतिबंध
2012 में इस अभ्यारण्य के निर्माण के बाद से ही बाघों के संरक्षण के लिए इस अभ्यारण्य में भारी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालाँकि, स्थानीय लोग काफी समय से इस प्रतिबंध को हटाने की मांग कर रहे थे। वन अधिकारियों ने अभ्यारण्य में वाहनों की आवाजाही के प्रभाव का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण किया। तदनुसार, बोर्ड ने इसे मंज़ूरी दे दी।
वनस्पतियों की 675 प्रजातियों का घर
इस अभ्यारण्य का मुख्य क्षेत्र 893 वर्ग किलोमीटर और बफर क्षेत्र 1,120 वर्ग किलोमीटर में फैला है, जो चार जिलों, आदिलाबाद, कुमराम भीम आसिफाबाद, निर्मल और मंचेरियल के कुछ जंगलों को कवर करता है। यह वनस्पतियों की 675 प्रजातियों का घर है। यह देश में स्थापित 41वाँ अभ्यारण्य था और इसे देश का 12वाँ सबसे बड़ा अभ्यारण्य माना जाता है।

कवल टाइगर रिजर्व से कौन सी नदी बहती है?
रिजर्व से गोदावरी नदी बहती है, जो क्षेत्र की जल जीवन रेखा है। यह नदी पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और विभिन्न वन्यजीवों को जल स्रोत प्रदान करती है।
कवल टाइगर रिजर्व किस राज्य में है?
यह रिजर्व तेलंगाना राज्य में स्थित है। कवल टाइगर रिजर्व अपनी जैव विविधता और संरक्षित वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध है।
54 में टाइगर रिजर्व कौन सा है?
भारत में कुल 54 टाइगर रिजर्व हैं। इनमें से कवल टाइगर रिजर्व 54वें नंबर पर है, जो राज्य में वन संरक्षण का महत्वपूर्ण केंद्र है। यह वन्यजीव संरक्षण में अपनी खास भूमिका निभाता है।
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