Pamban Bridge :भारत का पहला वर्टिकल सी लिफ्ट ब्रिज, पीएम मोदी ने किया उद्घाटन
भारत में बुनियादी ढांचे और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में लगातार प्रगति हो रही है। इसी दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पहले वर्टिकल सी लिफ्ट ब्रिज – Pamban Bridge का उद्घाटन किया। यह पुल न केवल भारत की इंजीनियरिंग क्षमताओं का प्रतीक है, बल्कि यह रेलवे कनेक्टिविटी के क्षेत्र में भी एक क्रांतिकारी पहल है।
क्या है Pamban Bridge?
Pamban Bridge तमिलनाडु के रामेश्वरम द्वीप को मुख्य भूमि से जोड़ता है। यह पुल पहले से ही एक रेलवे पुल के रूप में प्रसिद्ध था, लेकिन अब इसे आधुनिक तकनीक के साथ वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। यह नया अवतार इसे और भी खास बनाता है।

क्यों है यह एक ‘इंजीनियरिंग चमत्कार’?
- वर्टिकल लिफ्ट मैकेनिज्म:
यह पुल एक विशेष तंत्र पर आधारित है, जिसमें पुल का मध्य भाग ऊपर की ओर उठाया जा सकता है ताकि समुद्री जहाज आसानी से नीचे से गुजर सकें। इस तकनीक को भारत में पहली बार बड़े स्तर पर अपनाया गया है। - सटीक डिजाइन और निर्माण:
पुल को स्टील और कंक्रीट के मिश्रण से बनाया गया है, जिससे इसकी मजबूती और टिकाऊपन सुनिश्चित होती है। यह 2.05 किलोमीटर लंबा है और इसमें कुल 100 से अधिक स्पैन हैं। - सुरक्षा और ऑटोमेशन:
यह ब्रिज ऑटोमैटिक लिफ्टिंग सिस्टम से लैस है, जिससे इसे दूर से भी नियंत्रित किया जा सकता है। साथ ही, यह आधुनिक सिग्नलिंग और मॉनिटरिंग सिस्टम से युक्त है जो इसे अत्यधिक सुरक्षित बनाते हैं।
क्यों है यह पुल इतना महत्वपूर्ण?
- रेल कनेक्टिविटी में सुधार:
Pamban Bridge अब हेवी रेल ट्रैफिक को सपोर्ट कर सकता है, जिससे रामेश्वरम तक पहुंचना आसान हो जाएगा। यह तीर्थयात्रियों और पर्यटकों दोनों के लिए फायदेमंद है। - आर्थिक दृष्टिकोण से लाभदायक:
यह ब्रिज व्यापार और माल परिवहन को गति देगा, जिससे दक्षिण भारत की अर्थव्यवस्था को भी फायदा मिलेगा। - पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा:
यह ब्रिज अपनी आधुनिकता और खूबसूरती के कारण पर्यटन का केंद्र भी बन सकता है। लोग इसे देखने के लिए विशेष रूप से यात्रा कर सकते हैं।

पीएम मोदी का संबोधन
उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने कहा,
“Pamban Bridge न केवल इंजीनियरिंग का उदाहरण है, बल्कि यह भारत की आत्मनिर्भरता और विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस तरह के प्रोजेक्ट्स भविष्य में देश की प्रगति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
Pamban Bridge सिर्फ एक पुल नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी ताकत और आधुनिकीकरण की सोच का उदाहरण है। यह परियोजना दर्शाती है कि भारत अब केवल पीछे देखने वाला देश नहीं, बल्कि भविष्य को आकार देने वाला देश बन चुका है।
इससे न केवल देश के ढांचे में मजबूती आएगी, बल्कि यह वैश्विक मंच पर भारत को इंफ्रास्ट्रक्चर इनोवेशन में भी अग्रणी बनाएगा।