Anant Chaturdashi : अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) का पावन पर्व 6 सितंबर दिन शनिवार को है. अनंत चतुर्दशी भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन (Lord Vishnu) भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा होती है. पूजा के बाद दाहिने हाथ की कलाई में 14 गांठों वाला अनंत सूत्र बांधा जाता है. इस बार अनंत चतुर्दशी पर रवि योग बन रहा है. अनंत चतुर्दशी का मुहूर्त 19 घंटे 39 मिनट का है ।
अनंत चतुर्दशी मुहूर्त
भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी का प्रारंभ: 6 सितंबर, तड़के 3:12 बजे से
भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी का समापन: 7 सितंबर, मध्य रात्रि 1:41 एएम
रवि योग: सुबह 06:02 बजे से रात 10:55 बजे तक
अनंत चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त: सुबह 6:02 बजे से मध्य रात्रि 1:41 एएम तक
14 गांठों वाला अनंत सूत्र
अनंत सूत्र पवित्र कच्चे धागे या रक्षा सूत्र से बनाया जाता है. इस अनंत सूत्र में 14 गांठें लगाते हैं, जो भगवान विष्णु के 14 लोकों और अनंत स्वरूप का प्रतीक माने जाते हैं. इस अनंत सूत्र को हल्दी, केसर और कुमकुम से रंगते हैं और पूजा में रखते हैं.
मान्यताओं के अनुसार, अनंत चतुर्दशी को भगवान विष्णु ने 14 लोकों की रचना की थी और उसकी रक्षा के लिए 14 स्वरूप धारण किए थे.
अनंत सूत्र बांधने की विधि
सबसे पहले भगवान अनंत और माता लक्ष्मी की पूजा करें. उसके बाद आरती उतारें. फिर पूजा में उपयोग किया गया अनंत सूत्र परिवार के सदस्यों की कलाई में बांधें. उस समय अनंत सूत्र बांधने का मंत्र भी पढ़ें. यह अनंत सूत्र परिवार का एक सुरक्षा कवच भी माना जाता है.
अनंत सूत्र बांधने का मंत्र
अनंतसूतं धारयामि अनंतस्य महात्मनः।
अनन्तव्रतधारणेन मम सर्वार्थसिद्धयर्थम्॥
अनंत सूत्र पहनने के फायदे
1. जो व्यक्ति अनंत सूत्र धारण करता है, उसके सुख, समृद्धि और शांति में बढ़ोत्तरी होती है.
2. परिवार के सदस्यों की सुरक्षा होती है.
3. जो व्यक्ति अनंत सूत्र पहनता है, उसके रोग, शोक और संकट दूर होते हैं.
4.भगवान विष्णु के आशीर्वाद से उसके सभी पाप मिट जाते हैं.
जो व्यक्ति अनंत चतुर्दशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु के 14 स्वरूपों की पूजा करता है और अनंत सूत्र बांधता है, उसे 14 लोकों का सुख प्राप्त होता है. उसके कष्ट मिटते हैं और अनंत सूत्र से उसकी रक्षा होती है. भगवान अनंत की कृपा से व्यक्ति को धन, धान्य, सुख, समृद्धि आदि की प्राप्ति होती है. कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को भी अनंत भगवान की पूजा और व्रत का सुझाव दिया था, जिसकी वजह से पांडवों को महाभारत युद्ध में विजय प्राप्त हुई थी.
अनंत चतुर्दशी करने से क्या होता है?
अनंत सूत्र भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है। इसे धारण करने से भक्तों की रक्षा होती है। इस दिन शाम के समय भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस साल चतुर्दशी तिथि 6 सितम्बर 2025 को सुबह 3:12 बजे शुरू होगी और 7 सितम्बर 2025 को 1:41 को खत्म होगा।
चतुर्दशी पर हमें क्या करना चाहिए?
चतुर्दशी पर, हज़ारों भक्त श्रद्धापूर्वक अनंत चतुर्दशी व्रत का पालन करेंगे। अनंत चतुर्दशी पर भक्त भगवान विष्णु/कृष्ण मंदिर जाकर प्रार्थना और अनंत पूजा कर सकते हैं। अगर आस-पास कोई मंदिर न हो, तो आप सुबह अपने घर पर ही पूजा कर सकते हैं।
अन्य पढ़ें: