इन 3 राशियों पर बरसेगा धन, सौभाग्य और तरक्की
- आगामी चंद्र ग्रहण पर मंगल और शनि ग्रह बना रहे हैं समसप्तक योग, यानी एक-दूसरे से 180 डिग्री की स्थिति में होंगे।
- यह योग खगोलीय दृष्टि से अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।
क्या होता है समसप्तक योग?
- समसप्तक योग तब बनता है जब दो ग्रह एक-दूसरे के ठीक सामने हों।
- मंगल (ऊर्जा) और शनि (संयम और कर्म) की यह स्थिति जबरदस्त ऊर्जा, स्थायित्व और सफलता प्रदान कर सकती है।
Samsaptak yog : ज्योतिष अनुसार 7 सितंबर 2025 को चंद्र ग्रहण वाले दिन (Saturn and Mars) शनि और मंगल आमने-सामने आकर समसप्तक योग (Samsaptak yog) का निर्माण कर रहे हैं। दरअसल मंगल इस समय कन्या राशि में आ चुके हैं तो शनि पहले से ही मीन राशि में स्थित हैं। ऐसे में इन दोनों का आमने-सामने होना शक्तिशाली समसप्तक योग बनाएगा। जिससे तीन राशियों की किस्मत चमक जाएगी। नौकरी में खूब लाभ मिलेगा। आर्थिक स्थिति पहले से मजबूत हो जाएगी। जानिए ये लकी राशियां कौन सी हैं।
वृषभ राशि वालों की किस्मत चमकाएगा समसप्तक योग
इस योग से वृषभ राशि वालों की किस्मत चमक जाएगी। आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। निवेश से खूब लाभ मिलेगा। नौकरी में प्रमोशन के शुभ योग बन रहे हैं। बिजनेस में भी खूब मुनाफा कमाएंगे। दांपत्य जीवन में भी खुशहाली आएगी।
मकर राशि वालों की सुधरेगी आर्थिक स्थिति
इस योग के बनने से मकर राशि वालों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। नई नौकरी प्राप्त होने के प्रबल आसार हैं। जिस काम में हाथ डालेंगे सफलता मिलेगी। व्यापार में भी लाभ मिलने के योग हैं। स्वास्थ्य बढ़िया रहेगा। पार्टनरशिप के काम में फायदा होगा।
कुंभ राशि वालों को नौकरी में मिलेगा लाभ
चंद्र ग्रहण के दिन बनने वाला समसप्तक योग कुंभ वालों की भी किस्मत चमका देगा। हर काम में सफलता मिलेगी। विशेष तौर पर ये समय नौकरी वालों के लिए शानदार रहेगा। लंबे समय से रुका हुआ प्रमोशन इस दौरान मिल सकता है। नई नौकरी मिलने के भी प्रबल आसार दिखाई दे रहे हैं। बिजनेस वालों के लिए भी समय बढ़िया है।
सबसे ऊंचा योग कौन सा है?
अष्टांग योग, विन्यास योग जैसा ही है। हालाँकि, अष्टांग योग में आसनों की एक निश्चित श्रृंखला शामिल होती है जिसे छात्र दिन-प्रतिदिन दोहराते हैं, अक्सर अपनी गति से। जैसे-जैसे छात्र मज़बूत और कुशल होते जाते हैं, वे अधिक कठिन आसनों वाली उच्च श्रृंखला की ओर बढ़ते हैं।
योग की चार श्रेणियां कौन सी हैं?
इसी कारण योग के चार व्यापक वर्गीकरण हुए हैं: कर्म योग, जहाँ हम शरीर का उपयोग करते हैं; भक्ति योग, जहाँ हम भावनाओं का उपयोग करते हैं; ज्ञान योग, जहाँ हम मन और बुद्धि का उपयोग करते हैं; और क्रिया योग, जहाँ हम ऊर्जा का उपयोग करते हैं।
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