ट्रंप और नवरोकी की बैठक में बड़ा फैसला
वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप(Trump) ने पोलैंड(US-Poland) में अमेरिकी सैनिकों की संख्या बढ़ाने का संकेत दिया है। वॉशिंगटन में पोलैंड के राष्ट्रपति करोल नवरोकी(Karol Nawrocki) से मुलाकात के दौरान ट्रंप ने कहा कि यदि पोलैंड चाहे तो अमेरिका वहां और सैनिक तैनात करेगा। यह बैठक नवरोकी के राष्ट्रपति बनने के बाद उनकी पहली अमेरिका यात्रा थी। दोनों नेताओं ने सुरक्षा और आपसी संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया।
पोलैंड की सुरक्षा और पुतिन की प्रतिक्रिया
ओवल ऑफिस में हुई बातचीत के दौरान ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध को “बेवकूफी भरा संघर्ष” बताते हुए कहा कि यह जल्द समाप्त हो जाएगा। नवरोकी ने अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी की सराहना करते हुए इसे पोलैंड(US-Poland) की सुरक्षा की गारंटी बताया। उन्होंने कहा कि इतिहास में पहली बार पोलैंड विदेशी सैनिकों की मेजबानी करते हुए गर्व महसूस कर रहा है।
यह प्रस्ताव रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को नाराज कर सकता है। पुतिन पहले ही नाटो और पश्चिमी देशों की पूर्वी यूरोप में बढ़ती सैन्य मौजूदगी का विरोध करते रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम यूक्रेन संकट को और गंभीर बना सकता है।
पोलैंड का नाटो रुख और यूक्रेन समर्थन
नवरोकी ने नाटो के भीतर रक्षा खर्च बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। पोलैंड यूरोपीय संघ और नाटो दोनों का सदस्य है और 2022 में रूस के आक्रमण के बाद से यूक्रेन का प्रमुख सहयोगी रहा है। यह न केवल सैन्य मदद बल्कि मानवीय सहायता और शरणार्थियों के लिए भी बड़ा मार्ग बना है।
इसके बावजूद, नवरोकी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की पर तीखे आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यूक्रेनी शरणार्थी पोलैंड की उदार नीतियों का फायदा उठा रहे हैं। नवरोकी ने स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा में पोलिश नागरिकों को प्राथमिकता देने का संकल्प भी व्यक्त किया, जो ट्रंप की “अमेरिका फर्स्ट” नीति से मेल खाता है।
पोलैंड में अमेरिकी सैनिकों की तैनाती क्यों बढ़ाई जा रही है?
ट्रंप और नवरोकी की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पोलैंड की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अधिक अमेरिकी सैनिकों की जरूरत है। यह कदम रूस से बढ़ते खतरे और यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में उठाया गया है।
नवरोकी के जेलेंस्की पर आरोपों का क्या मतलब है?
नवरोकी का कहना है कि यूक्रेनी शरणार्थियों ने पोलैंड की सेवाओं का दुरुपयोग किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आगे स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सुविधाओं में पोलिश नागरिकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
अन्य पढ़े: