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New Delhi : देश की नदियों में बाढ़ का कहर, 21 स्थानों पर स्थिति गंभीर

Surekha Bhosle
Surekha Bhosle
New Delhi : देश की नदियों में बाढ़ का कहर, 21 स्थानों पर स्थिति गंभीर

CWC ने जारी किया ताज़ा अलर्ट, उत्तर भारत सबसे अधिक प्रभावित

21 नदियों में “गंभीर बाढ़” की स्थिति- बिहार और उत्तर प्रदेश में हालात सबसे ज़्यादा चिंताजनक CWC के अनुसार, देश भर में 21 जलमाप स्थलों (river) पर नदियाँ “गंभीर बाढ़ स्थिति” में हैं।
इनमें प्रमुख रूप से प्रभावित राज्य:

  • बिहार: 9 स्थान, उत्तर प्रदेश: 8 स्थान
  • अन्य राज्य: दिल्ली: 1, जम्मू-कश्मीर: 1, पश्चिम बंगाल: 1, झारखंड: 1

New Delhi : देश की अधिकांश नदियां पूरे उफान पर हैं और तबाही मचा रही है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने बुधवार को बताया कि दिल्ली (New Delhi) स्थित एक निगरानी केंद्र सहित अन्य निगरानी केंद्रों ने सूचना दी कि 21 नदियों में ‘‘बाढ़ की स्थिति गंभीर है’’ जबकि 33 अन्य नदियां सामान्य स्तर से ऊपर बह रही हैं। जिन 21 नदियां बाढ़ की गंभीर चपेट में हैं, उनमें बिहार में नौ, उत्तर प्रदेश में आठ और दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल और झारखंड में एक-एक नदी शामिल है। जिन 33 नदियों का जलस्तर सामान्य से अधिक है, उनमें उत्तर प्रदेश में नौ, बिहार में सात, असम में सात, उत्तराखंड में दो, ओडिशा में दो, तेलंगाना में दो और आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान तथा पश्चिम बंगाल में एक-एक नदी है 

उत्तरी पहाड़ी राज्य हाई अलर्ट पर हैं। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बहुत भारी से लेकर अत्यंत भारी बारिश होने की संभावना है तथा ब्यास, सतलुज, चिनाब, रावी, अलकनंदा और भागीरथी नदियों में जलस्तर अचानक बढ़ने की आशंका है। जम्मू-कश्मीर में चिनाब, तवी, झेलम और सिंधु घाटियों में बाढ़ का खतरा अधिक है, विशेषकर किश्तवाड़, डोडा, कठुआ, अनंतनाग और पुलवामा जिलों में। 

दिल्ली के निचले इलाकों में पानी भरा

यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण दिल्ली के निचले इलाकों की सड़कों और बाजार में पानी भर गया जिससे इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और दुकानदारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मजनू का टीला, मदनपुर खादर और बदरपुर के निवासी यमुनाजल स्तर बढ़ने के कारण अब अस्थाई आश्रय स्थलों में रह रहे हैं और पानी कम होने का इंतजार कर रहे हैं।

यमुना का जलस्तर बुधवार को दोपहर एक बजे 207 मीटर दर्ज किया गया। प्राधिकारियों ने निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया और लोहे के रेलवे पुल को यातायात के लिए बंद कर दिया। प्रभावित हुए इन परिवारों के लिए असली चुनौती तब शुरू होगी जब नदी का जलस्तर कम होना शुरू होगा क्योंकि उन्हें अपने जीवन को पटरी पर लाने के लिए नये सिरे से संघर्ष करना पड़ेगा। मजनू का टीला के बाजार में पानी भरने के कारण सन्नाटा छा गया। 

निगमबोध घाट में दाह संस्कार रोका गया

यमुना नदी का बाढ़ का पानी दिल्ली के सबसे पुराने और व्यस्ततम श्मशान घाट निगमबोध घाट में घुस गया है, जिसके चलते वहां दाह संस्कार अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। अधिकारियों ने बुधवार यह जानकारी दी। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के एक अधिकारी ने बताया कि अपराह्न में शवदाह गृह में दाह संस्कार रोक दिया गया तथा केवल सुबह शुरू हुई अंत्येष्टि ही पूरी कराई गई।

लाल किले के पीछे रिंग रोड पर स्थित, निगमबोध घाट में 42 दाह स्थल हैं। यह शहर का सबसे पुराना, सबसे बड़ा और सबसे व्यस्त श्मशान घाट है। यहां औसतन प्रतिदिन 55 से 60 दाह संस्कार होते हैं। बढ़ते जल स्तर ने व्यवस्थाओं को बाधित कर दिया है। घाट पर मौजूद एक प्रबंधन अधिकारी ने बताया, ‘‘पहले परिसर में केवल बारिश का पानी ही प्रवेश किया था, लेकिन करीब सात से आठ फुट ऊंची एक दीवार ऊपर से क्षतिग्रस्त हो गई तथा उसका करीब दो फुट हिस्सा ढ़ह गया, जिससे यमुना का पानी अंदर आने लगा।’’

जम्मू-कश्मीर और पंजाब में 5,500 से अधिक नागरिकों को बचाया गया: सेना 

भारतीय सेना की पश्चिमी कमान जम्मू-कश्मीर और पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ‘ऑपरेशन राहत’ के तहत दो सप्ताह से अधिक समय से 24 घंटे बड़े पैमाने पर मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान चला रही है। बयान में कहा गया कि अब तक 5,500 से अधिक नागरिकों और अर्धसैनिक बलों के 300 कर्मियों को बचाया गया है तथा 3,000 से अधिक नागरिकों को चिकित्सा सहायता प्रदान की गई है और प्रभावित समुदायों को 27 टन से अधिक राशन और आवश्यक आपूर्ति उपलब्ध कराई गई है। इसमें कहा गया कि अब तक 50 से अधिक सेना की टुकड़ियों को तैनात किय जा चुका है और राहत कार्य लगातार जारी हैं, जहां फंसे हुए लोगों को बचाया जा रहा है, आवश्यक आधारभूत ढांचे की मरम्मत की जा रही है और जीवन रक्षक सहायता पहुंचाई जा रही है। 

नदियों में बाढ़ आने के प्रमुख कारण क्या हैं?

बाढ़ का सबसे आम कारण अत्यधिक वर्षा है। जब ज़मीन संतृप्त हो जाती है और पानी सोख नहीं पाती, तो अतिरिक्त अपवाह नदियों, झीलों और सड़कों में जल स्तर बढ़ा देता है। तेज़ तूफ़ान, उष्णकटिबंधीय तूफ़ान और चक्रवात अक्सर व्यापक बाढ़ का कारण बनते हैं, खासकर निचले इलाकों में।

कौन सी नदी में बाढ़ आती है?लगातार दिशा बदलते रहती है कोसी

इस नदी को बिहार का श्राप कहा जाता है क्योंकि हर साल सबसे ज्यादा तबाही यही लेकर आती है.

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