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Gaza: गाजा सिटी पर इजरायल का दावा

Dhanarekha
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Gaza: गाजा सिटी पर इजरायल का दावा

हमास को हराने की दी धमकी

तेल अवीव: इजरायल और हमास(Hamas) के बीच संघर्ष और तेज हो गया है। इजरायली सेना का कहना है कि उसने गाजा सिटी(Gaza City) के लगभग 40 प्रतिशत हिस्से पर नियंत्रण हासिल कर लिया है। गाजा पट्टी(Gaza Strip) का यह सबसे बड़ा शहरी इलाका है, जहां पर हाल के दिनों में लगातार हमले किए जा रहे हैं। इस बीच फिलिस्तीन(Palestine) के नागरिकों में दहशत का माहौल है और बड़ी संख्या में लोग शहर छोड़ने को मजबूर हुए हैं

गाजा पर बढ़ता सैन्य दबाव

इजरायली सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने कहा कि आने वाले दिनों में आक्रमण की तीव्रता और बढ़ेगी। उन्होंने दोहराया कि हमास पर दबाव तब तक बनाया जाएगा जब तक कि उसे पूरी तरह समाप्त नहीं कर दिया जाता। सेना ने शहर के आसपास खाली जगहों पर तोप से गोले दागे हैं, ताकि लोग अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर हो सकें।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक हजारों नागरिक विस्थापित हो चुके हैं। गाजा((Gaza) की सिविल डिफेंस एजेंसी का दावा है कि हालिया हमलों में 30 से ज्यादा लोग मारे गए, जबकि गाजा पट्टी में मरने वालों की संख्या 64 तक पहुंच गई है। नागरिकों का कहना है कि उन्हें कहीं भी सुरक्षित जगह नहीं मिल पा रही है।

विस्थापन और मानवीय संकट

आईडीएफ के आकलन के मुताबिक, गाजा सिटी के लगभग 10 लाख निवासियों में से करीब 2 लाख लोग शहर छोड़ने से इनकार कर सकते हैं। वहीं, बीते 72 घंटों में करीब 70 से 80 हजार लोगों ने पलायन किया है। यह संख्या शहर की कुल आबादी की तुलना में बहुत कम है।

एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर विस्थापन हो सकता है। अनुमान है कि लगभग 10 लाख फिलिस्तीनी दक्षिणी हिस्से की ओर धकेले जाएंगे। कई लोग पहले भी युद्ध के दौरान बार-बार विस्थापित हो चुके हैं, जिसके कारण मानवीय संकट और गहराता जा रहा है।

गाजा सिटी पर इजरायल का दावा कितना सही है?

इजरायली सेना का कहना है कि उन्होंने शहर के 40 प्रतिशत हिस्से पर नियंत्रण किया है। हालांकि, स्वतंत्र स्रोतों से इस दावे की पूरी तरह पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन लगातार हो रहे हमलों से हालात गंभीर बने हुए हैं।

नागरिकों के सामने सबसे बड़ी समस्या क्या है?

नागरिकों का कहना है कि गाजा पट्टी में कहीं भी सुरक्षित जगह उपलब्ध नहीं है। बार-बार विस्थापित होने के कारण उनके पास ठिकाने और आवश्यक संसाधनों की भारी कमी है, जिससे मानवीय संकट और भी बढ़ गया है।

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