नई दिल्ली, 6 सितंबर 2025: उत्तर भारत में मानसून (Mansoon) का अंतिम दौर बेहद विनाशकारी साबित हो रहा है। दिल्ली-एनसीआर समेत पंजाब, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में भारी बारिश के कारण यमुना, गंगा और रामगंगा (Ramganga) जैसी नदियां उफान पर हैं। यमुना का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है, जिससे दिल्ली के निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ की स्थिति बनी हुई है।
पंजाब में 43 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि मथुरा-आगरा जैसे क्षेत्रों में घर-दुकानें डूब गई हैं। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने अगले चार दिनों तक भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा करेंगे।
दिल्ली-एनसीआर में यमुना का रौद्र रूप
दिल्ली में यमुना नदी ने अपना कहर बरपाया है। शनिवार सुबह 6 बजे नदी का जलस्तर 206.65 मीटर दर्ज किया गया, जो सुबह 5 बजे के 206.67 मीटर से थोड़ा कम है, लेकिन खतरे के निशान (205.33 मीटर) से कहीं ऊपर है। हथनी कुंड बैराज से 58,216 क्यूसेक, वज़ीराबाद बैराज से 120,220 क्यूसेक और ओखला बैराज से 218,028 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
पुराने लोहे के पुल से लिया गया ड्रोन वीडियो यमुना के उफान को दर्शाता है, जहां नदी का पानी तेजी से बहता नजर आ रहा है। राहत शिविरों में हजारों लोग शरण ले चुके हैं, लेकिन अब स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं। बुखार, त्वचा चकत्ते और फंगल इंफेक्शन की शिकायतें आम हो गई हैं। एनडीआरएफ और दिल्ली पुलिस ने आईटीओ, राजघाट जैसे इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकाला है। स्कूल-कॉलेज बंद हैं और ट्रैफिक डायवर्जन लागू हैं। एक प्रभावित निवासी ने कहा, “पानी घरों में घुस आया, सब कुछ बर्बाद हो गया।”
उत्तर प्रदेश: मथुरा-आगरा में तबाही
उत्तर प्रदेश में भी बाढ़ ने कहर बरपाया है। मथुरा के निचले इलाकों में यमुना का पानी घरों, दुकानों और बाजारों में घुस गया। आगरा में दशहरा घाट और ताज महल के आसपास भारी जलजमाव हो गया है, जिससे पर्यटन प्रभावित हो रहा है। प्रयागराज में गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। मुरादाबाद में रामगंगा नदी उफान पर है, जिससे शहर के कई हिस्सों में जलभराव हो गया। स्थानीय प्रशासन ने सतर्कता बरतने की अपील की है और राहत कार्य तेज कर दिए हैं।
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