पंजाब (Punjab) में बाढ़ का प्रकोप सबसे ज्यादा है। 23 जिलों में बाढ़ का पानी घुस गया है और 43 लोगों की मौत हो चुकी है। लुधियाना में बांध टूटने का खतरा मंडरा रहा है, जिससे 15 गांव पूरी तरह डूब सकते हैं। फाजिल्का जिले में भारतीय सेना (Indian Army) ने चिकित्सा शिविर लगाए हैं और राहत-बचाव अभियान चला रही है।
सेना ने प्रभावितों को भोजन, दवाइयां और सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराए हैं। राज्य सरकार ने केंद्रीय सहायता की मांग की है, जबकि एनडीआरएफ टीमें मौके पर तैनात हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा, “हम हर संभव मदद कर रहे हैं, लेकिन केंद्र से और सहयोग की जरूरत है।“

हिमाचल-उत्तराखंड:
भूस्खलन का खतरा हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं, हालांकि वर्तमान अपडेट्स में कोई नई बड़ी घटना दर्ज नहीं की गई। इन पहाड़ी राज्यों में सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं और राहत कार्य जारी हैं।
सरकारी प्रतिक्रिया और मौसम पूर्वानुमान
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रभावित राज्यों को सहायता का आश्वासन दिया है। प्रधानमंत्री राहत कोष से मदद की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी का दौरा जल्द होने की संभावना है, जहां वे स्थिति की समीक्षा करेंगे। आईएमडी के अनुसार, अगले कुछ दिनों में बारिश कम हो सकती है, लेकिन नदियों का जलस्तर ऊंचा रहेगा। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोग सतर्क रहें और सरकारी निर्देशों का पालन करें। यह बाढ़ उत्तर भारत के लिए एक बड़ा संकट बन गई है, जिसमें सैकड़ों परिवार बेघर हो चुके हैं।
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