हैदराबाद : रेलवे की राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति (एसएलएससीआर) की बैठक में नशीले पदार्थो (Curbing Drug) की तस्करी पर अंकुश लगाने पर चर्चा हुई। बैठक में रेलवे (Railway) के साथ ही पुलिस विभाग के बड़े अफसर भी शामिल रहे।
तेलंगाना डीजीपी की अध्यक्षता में हुई बैठक
तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक डॉ. जितेंद्र की अध्यक्षता में पुलिस महानिदेशक कार्यालय में आयोजित की गई। बैठक में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कार्मिक) अनिल कुमार, पुलिस महानिरीक्षक (सड़क सुरक्षा एवं रेलवे) रमेश नायडू, पुलिस महानिरीक्षक (रेलवे) एवं प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त श्रीमती अरोमासिंह ठाकुर, आईएसडब्ल्यू, विशेष कार्याधिकारी कमलासन रेड्डी, पुलिस अधीक्षक (रेलवे) चंदना दीप्ति, आरपीएफ पुलिस अधीक्षक नवीन, सहायक निदेशक (खुफिया ब्यूरो) श्रीमती राधी, वरिष्ठ मंडल रेल प्रबंधक सीएच. करुणाकर राव सहित जीआरपी और आरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। विचार-विमर्श के दौरान, रेलवे सुरक्षा से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई।
रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरों के व्यापक उपयोग पर ज़ोर
बैठक को संबोधित करते हुए, डीजीपी डॉ. जितेंद्र ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और चोरी व मादक पदार्थों की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरों के व्यापक उपयोग पर ज़ोर दिया। उन्होंने सुरक्षा उपायों को मज़बूत करने के लिए जीआरपी और आरपीएफ अधिकारियों के बीच लगातार समन्वय बैठकों की आवश्यकता पर बल दिया। डीजीपी ने निर्देश दिए कि चोरी, संदिग्ध मौतों, महिलाओं के विरुद्ध अपराध और मादक पदार्थों की आपूर्ति जैसे अपराधों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए।
मानव तस्करी से सख्ती से निपटा जाएं : डीजीपी
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि रेलवे परिसरों में कार्यरत निजी व्यक्तियों का उचित सत्यापन सुनिश्चित किया जाए और मानव तस्करी से निपटने के उद्देश्य से चलाए जा रहे ऑपरेशन एएएचटी को सख्ती से जारी रखा जाए। डॉ. जितेंद्र ने अपराधियों के विरुद्ध शीघ्र आरोप पत्र दाखिल करने के महत्व पर भी ज़ोर दिया और संबंधित अधिकारियों को संपत्ति से जुड़े अपराधियों पर गिरोह बनाकर मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए।
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