తెలుగు | Epaper

Hindi News: 10 हजार करोड़ की कंपनी बेंगलुरु छोड़ रही; CEO बोले- ‘गड्ढों और ट्रैफिक से तंग आ चुके हैं’

Vinay
Vinay
Hindi News: 10 हजार करोड़ की कंपनी बेंगलुरु छोड़ रही; CEO बोले- ‘गड्ढों और ट्रैफिक से तंग आ चुके हैं’

बेंगलुरु, 17 सितंबर 2025: भारत की सिलिकॉन वैली कहे जाने वाले बेंगलुरु की चमक फीकी पड़ रही है। यहां की सड़कों पर गड्ढे, धूल और ट्रैफिक जाम ने न केवल आम लोगों को परेशान किया है, बल्कि बड़ी कंपनियों को भी शहर छोड़ने पर मजबूर कर दिया है।

डिजिटल ट्रकिंग प्लेटफॉर्म ब्लैकबक (आधिकारिक नाम: ज़िंका लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस) के सीईओ राजेश कुमार याबाजी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर घोषणा की कि कंपनी बेंगलुरु के बेलंदूर स्थित ऑफिस को शिफ्ट कर रही है। कारण? सड़कों की बदतर हालत, जहां कर्मचारियों को ऑफिस आने-जाने में औसतन डेढ़ घंटे लग रहे हैं। कंपनी की वैल्यू 10,900 करोड़ रुपये से अधिक होने के बावजूद, यह फैसला शहर की इंफ्रास्ट्रक्चर समस्याओं को आईना दिखा रहा है।

कंपनी का फैसला और सीईओ का बयान

ब्लैकबक, जो 2015 में स्थापित हुई, एक प्रमुख डिजिटल लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म है। इसका मुख्यालय बेंगलुरु के आउटर रिंग रोड (ओआरआर) के बेलंदूर इलाके में था, जो आईटी हब का केंद्र माना जाता है। लेकिन सीईओ राजेश याबाजी ने कहा कि पिछले 9 सालों से यहां का ऑफिस कंपनी का ‘घर’ रहा, लेकिन अब काम करना असंभव हो गया है।

उन्होंने एक्स पर लिखा, “ओआरआर (बेलंदूर) पिछले 9 सालों से हमारा कार्यालय और घर रहा है, लेकिन अब यहां काम जारी रखना बहुत मुश्किल हो गया है। हमने यहां से जाने का फैसला किया है… मेरे सहकर्मियों का औसत आवागमन डेढ़ घंटे (एक तरफ से) तक बढ़ गया है। सड़कें गड्ढों और धूल से भरी हैं, और उन्हें ठीक करवाने की कोई खास इच्छा नहीं दिखती है। साथ ही अगले 5 सालों से इसमें कोई बदलाव नहीं दिख रहा।

“यह घोषणा सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जहां हजारों यूजर्स ने बेंगलुरु की सड़कों की खराब हालत पर मीम्स शेयर किए। कंपनी ने अभी नया लोकेशन की जानकारी नहीं दी है, लेकिन विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह पुणे या हैदराबाद जैसे शहरों की ओर हो सकता है, जहां इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर है।

ब्लैकबक के बारे में: एक नजर

विवरणजानकारी
स्थापना2015
आधिकारिक नामज़िंका लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस
वैल्यू (सितंबर 2025)₹10,900 करोड़ ($1.3 बिलियन)
मुख्यालय (पुराना)बेंगलुरु, ओआरआर, बेलंदूर
बिजनेसडिजिटल ट्रकिंग और लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म
कर्मचारी प्रभावसैकड़ों कर्मचारियों का आवागमन समय प्रभावित

बेंगलुरु की इंफ्रास्ट्रक्चर मिसरी:

क्या है समस्या?

बेंगलुरु, जो आईटी सेक्टर का गढ़ है, लंबे समय से सड़कों, ट्रैफिक और जल निकासी की समस्याओं से जूझ रहा है। ओआरआर इलाका, जहां ज्यादातर टेक कंपनियां हैं, भारी ट्रैफिक और गड्ढों से ग्रस्त है। मानसून के दौरान ये गड्ढे और खराब हो जाते हैं, जिससे दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं। ग्रेटर बेंगलुरु आईटी कंपनीज एंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (GBIA) के महासचिव कृष्ण कुमार गौड़ा ने कहा, “ओआरआर में बुनियादी ढांचे की उपेक्षा हो रही है। भारी ट्रैफिक और सड़कों पर गड्ढे लोगों को परेशान कर रहे हैं। सरकार को तुरंत ध्यान देना चाहिए।

“यह पहला मामला नहीं है। पहले भी कई स्टार्टअप्स और कंपनियां बेंगलुरु छोड़ चुकी हैं। 2023 में फ्लिपकार्ट और ओला जैसी कंपनियों ने ट्रैफिक जाम का हवाला देकर ऑफिस शिफ्ट किए थे। विशेषज्ञों का कहना है कि शहर की आबादी 1.3 करोड़ से अधिक हो चुकी है, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर उसी पुराने ढर्रे पर है। कर्नाटक सरकार ने वादा किया है कि 2026 तक ओआरआर को अपग्रेड किया जाएगा, लेकिन सीईओ याबाजी जैसे लोग इंतजार करने को तैयार नहीं।

सोशल मीडिया और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

एक यूजर ने लिखा, “बेंगलुरु अब ‘गड्ढों का शहर’ बन गया है। IT हब की जगह पॉट होल हब!” वहीं, कर्नाटक के आईटी मंत्री प्रभु चौकसे ने ट्वीट किया, “हम इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार के लिए प्रतिबद्ध हैं। ब्लैकबक से बातचीत जारी है।” विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा, कहते हुए कि ‘सिलिकॉन वैली अब सिलिकॉन गड्ढा बन गई है।

‘क्या होगा असर?

भविष्य की संभावनाएंब्लैकबक का जाना न केवल आर्थिक नुकसान है – कंपनी सैकड़ों नौकरियां देती है – बल्कि बेंगलुरु की छवि को भी ठेस पहुंचा रहा है। यदि ऐसी कंपनियां बाहर जाती रहीं, तो शहर का IT सेक्टर प्रभावित हो सकता है। सरकार को अब तुरंत सड़क मरम्मत, मेट्रो विस्तार और ट्रैफिक मैनेजमेंट पर फोकस करने की जरूरत है।

ब्लैकबक के सीईओ ने अंत में कहा, “हम बेंगलुरु को प्यार करते हैं, लेकिन कर्मचारियों की सेहत और उत्पादकता पहले। “यह घटना एक चेतावनी है कि भारत के टेक हब को इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाना होगा, वरना प्रतिभाएं और कंपनियां दूसरे शहरों की ओर रुख कर लेंगी।

ये भी पढें

Hindi News: पितृ पक्ष में पिंड दान के बजाय विद्यादान का फेलोशिप: वाराणसी में राजपूत समुदाय की अनूठी पहल

Hindi News: पितृ पक्ष में पिंड दान के बजाय विद्यादान का फेलोशिप: वाराणसी में राजपूत समुदाय की अनूठी पहल

Untold Story Of Bihar: मियांपुर नरसंहार; 34 सवर्णों के बदले 26 यादवों का खौफनाक कत्लेआम

Untold Story Of Bihar: मियांपुर नरसंहार; 34 सवर्णों के बदले 26 यादवों का खौफनाक कत्लेआम

Latest News Bahrain Visa : विदेश घूमने का शानदार मौका

Latest News Bahrain Visa : विदेश घूमने का शानदार मौका

Hindi News: MiG-21 को ड्रोन में बदलने की तकनीक; भारत के लिए संभावनाएं और चुनौतियां

Hindi News: MiG-21 को ड्रोन में बदलने की तकनीक; भारत के लिए संभावनाएं और चुनौतियां

Hindi News: क्या भारत मिग विमानों को ड्रोन में बदल सकता है? चीन ने J-6 जेट्स के साथ कर दिखाया

Hindi News: क्या भारत मिग विमानों को ड्रोन में बदल सकता है? चीन ने J-6 जेट्स के साथ कर दिखाया

Latest Hindi News : UPPSC प्रीलिम्स 2025: एडमिट कार्ड जल्द, 12 अक्टूबर को परीक्षा

Latest Hindi News : UPPSC प्रीलिम्स 2025: एडमिट कार्ड जल्द, 12 अक्टूबर को परीक्षा

Latest Hindi News : SSC CGL 2025: गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई

Latest Hindi News : SSC CGL 2025: गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई

Latest Hindi News : बिहार एसटीईटी रजिस्ट्रेशन आज से शुरू, 27 सितंबर तक करें आवेदन

Latest Hindi News : बिहार एसटीईटी रजिस्ट्रेशन आज से शुरू, 27 सितंबर तक करें आवेदन

Hindi News : सुरेखा यादव, एशिया की पहली महिला ट्रेन चालक 36 वर्षों बाद सेवानिवृत्त

Hindi News : सुरेखा यादव, एशिया की पहली महिला ट्रेन चालक 36 वर्षों बाद सेवानिवृत्त

Hindi News: अब AI करने लगा इंसानों के खिलाफ विद्रोह?

Hindi News: अब AI करने लगा इंसानों के खिलाफ विद्रोह?

Hindi News: स्कूल टीचर की क्रूरता: बच्ची की खोपड़ी फ्रैक्चर, मां भी उसी स्कूल में पढ़ाती हैं – आंध्र प्रदेश में हादसा

Hindi News: स्कूल टीचर की क्रूरता: बच्ची की खोपड़ी फ्रैक्चर, मां भी उसी स्कूल में पढ़ाती हैं – आंध्र प्रदेश में हादसा

Hindi News: अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दर कटौती; सेंसेक्स 83,000 के पार, आईटी-फार्मा में तूफानी उछाल

Hindi News: अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दर कटौती; सेंसेक्स 83,000 के पार, आईटी-फार्मा में तूफानी उछाल

📢 For Advertisement Booking: 98481 12870