अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि चीन से आयात होने वाले सामान पर 104% टैक्स (ड्यूटी) आधी रात के बाद से लागू हो जाएगा। इसी बीच, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने उन दूसरे देशों के साथ जल्दी से बातचीत शुरू कर दी है, जिन्हें उनकी नई टैरिफ नीति के तहत निशाना बनाया गया है।
अमेरिकी शेयर बाजार में लगातार चौथे दिन गिरावट
अमेरिकी शेयर बाजार में लगातार चौथे दिन गिरावट आई। S&P 500 इंडेक्स करीब एक साल में पहली बार 5,000 के नीचे बंद हुआ। 19 फरवरी के बाद से यह इंडेक्स अब तक अपने उच्चतम स्तर से 18.9% गिर चुका है, जो 20% गिरावट के करीब है — जिसे “बियर मार्केट” कहा जाता है।
पिछले बुधवार से, जब ट्रंप ने टैरिफ का ऐलान किया था, तब से अब तक अमेरिकी कंपनियों का करीब 5.8 ट्रिलियन डॉलर (5.8 लाख करोड़ डॉलर) का बाजार मूल्य खत्म हो चुका है।
दुनियाभर के बाजारों में पहले उम्मीद थी कि ट्रंप बातचीत के ज़रिए इन टैक्स को कम कर सकते हैं। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। जापान का निक्केई शेयर बाजार बुधवार सुबह गिर गया और बाकी एशियाई बाजार भी गिरावट के लिए तैयार हैं, क्योंकि टैक्स लागू होने में अब कुछ ही घंटे बचे हैं।
ट्रंप सरकार बातचीत के लिए तैयार
सरकार ने अपने करीबी सहयोगियों जैसे दक्षिण कोरिया और जापान के साथ बातचीत का समय तय किया है। वहीं, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी भी अगले हफ्ते अमेरिका आने वाली हैं। ट्रंप ने कहा, “हमने 70 से ज्यादा देशों से बातचीत की है, सभी हमारे साथ डील करना चाहते हैं। हमारी समस्या बस इतनी है कि हम इतनी जल्दी सबके साथ बातचीत नहीं कर सकते।”
हालांकि, व्हाइट हाउस ने साफ कर दिया है कि कुछ देशों पर 50% तक के टैक्स जरूर लगेंगे। चीन के लिए टैक्स सबसे ज्यादा होगा, 104%, क्योंकि चीन ने भी अमेरिका के खिलाफ काउंटर टैक्स लगा दिए थे। चीन ने अमेरिका पर दबाव बनाने के आरोप लगाए हैं और कहा है कि वह अंत तक लड़ेगा।
व्हाइट हाउस ने कहा कि वे सबसे पहले अपने सहयोगी देशों के साथ बातचीत करेंगे, चीन प्राथमिकता में नहीं है। व्हाइट हाउस के सलाहकार केविन हैसेट ने कहा, “अभी हमारा फोकस जापान, कोरिया और बाकी भागीदारों पर है।”
ट्रंप के मुख्य व्यापार वार्ताकार जेमिसन ग्रीर ने बताया कि राष्ट्रपति फिलहाल किसी को भी छूट देने के मूड में नहीं हैं। ट्रंप ने यह भी कहा कि वह जल्द ही दवाओं पर भी भारी टैक्स लगाएंगे, ताकि दवा कंपनियां अमेरिका में उत्पादन शुरू करें।
नए टैक्सों से मंदी का डर
इन नए टैक्सों से मंदी का डर बढ़ गया है। चीन ने इसे “लंबी लड़ाई” कहा है और वहां के निर्माता दूसरी जगह पर फैक्टरी लगाने की तैयारी कर रहे हैं। सिटी बैंक ने चीन की 2025 की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 4.7% से घटाकर 4.2% कर दिया है।
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा कि उनकी सरकार भी अमेरिका के वाहनों पर 25% टैक्स लगा रही है। उन्होंने कहा, “ट्रंप ने इस व्यापार युद्ध की शुरुआत की, और कनाडा मजबूती से जवाब देगा।”
कनाडा और मेक्सिको को ट्रंप के नए टैक्स से छूट है, लेकिन पुराने टैक्स अभी भी लागू हैं।
अमेरिकियों को महंगाई की चिंता
एक सर्वे में पाया गया कि 4 में से 3 अमेरिकियों को उम्मीद है कि टैक्स की वजह से चीजों के दाम बढ़ेंगे।
चिप बनाने वाली कंपनी माइक्रोन ने ग्राहकों से कहा कि वह बुधवार से टैक्स की वजह से अतिरिक्त चार्ज लेगी। कपड़ा कंपनियां ऑर्डर रोक रही हैं और नई भर्तियां टाल रही हैं।
उदाहरण के लिए, वियतनाम में बनी जूते की जोड़ी, जिसकी कीमत अब $155 है, वो टैक्स के बाद $220 हो जाएगी।
लोग पहले से ही सामान का स्टॉक जमा कर रहे हैं। न्यू जर्सी के थॉमस जेनिंग्स ने कहा, “मैं डबल खरीद रहा हूं – बीन्स, डिब्बाबंद सामान, आटा, जो भी मिल जाए।”
हालांकि, तुरंत महंगाई नहीं दिखेगी क्योंकि जो सामान पहले से रास्ते में हैं, उन पर टैक्स लागू नहीं होगा।
बाजार में भारी गिरावट के बाद कुछ कारोबारी नेताओं ने ट्रंप से अपने फैसले पर फिर से सोचने की अपील की है।
तेल की कीमतें चार साल के न्यूनतम स्तर
तेल की कीमतें चार साल के न्यूनतम स्तर पर आ गईं।
यूरोपीय यूनियन ने भी अमेरिकी सामान पर 25% टैक्स लगाने का प्लान बनाया है, जैसे – सोयाबीन, नट्स, सॉसेज वगैरह। यूरोप ने चेतावनी दी है कि ट्रंप के टैक्स यूरोपीय दवा कंपनियों को अमेरिका जाने के लिए मजबूर कर सकते हैं।